दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए जिलाधिकारियों से बात की। पीएम मोदी ने आठ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों से सीधा संवाद किया। प्रधानमंत्री का ये संवाद टेलीविजन पर ब्रॉडकास्ट किया गया। इस ब्रॉडकास्टिंग के बाद दिल्ली में सियासत शुरू हो गई।
विज्ञापन दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सवाल उठाया कि पिछली बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण के लाइव टेलीकास्ट पर आपत्ति थी? क्या आज ब्रॉडकास्ट की इजाजत थी?पीएम मोदी के भाषण के तुरंत बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि आज की मीटिंग में प्रधानमंत्री का वक्तव्य टीवी पर लाइव प्रसारित हुआ। पिछली बैठक में सीएम केजरीवाल के लाइव प्रसारण पर आपत्ति थी। कहा गया था कि प्रोटोकॉल तोड़ा गया है। आज के प्रोटोकॉल में लाइव ब्रॉडकास्ट की इजाजत थी? कैसे पता चलेगा कि कौन सी मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट हो सकता है और किस मीटिंग का नहीं?
23 अप्रैल को केजरीवाल ने किया था भाषण का लाइव टेलीकास्ट
बता दें कि 23 अप्रैल को पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के बिगड़ते हालात को लेकर मीटिंग की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बोलने की बारी आई तो मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट देश के टीवी चैनलों पर चलने लगा। जिसको लेकर प्रधानमंत्री ने सख्त एतराज जताया था।
पीएम मोदी बोले- प्रोटोकॉल के खिलाफ उनका कहना था कि हमारी जो परंपरा है, हमारे जो प्रोटोकॉल हैं, उसके खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी इनहाउस मीटिंग को लाइव टेलीकास्ट करे। यह उचित नहीं है। इस पर सीएम केजरीवाल ने माफी भी मांगी। बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्टीकरण जारी कर बताया गया कि पहले से इस तरह के एहतियात बरतने का निर्देश केंद्र सरकार से नहीं मिला था।