मुख्यमंत्री प्रधानों व विधायकों की संपत्ति की जाँच करवाएं…
इटावा यूपी: बेशक उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की योगी सरकार ने कानून व्यवस्था अथवा विकास हो कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश की जनता तो क्या समूचे देश की जनता को सीना ठोक कर सेवा और सहूलियत प्रदान की हैं। मगर यह सत्य है कि , प्रधानों व विधायकों द्वारा जो काली कमाई की गई उस संपत्ति की जांच कब..? यह सब करवा पायेंगे.? क्या कुर्सी पर रहते हुए यह संभव है क्या? हमारे संवाददाता ने यूपी के जिला इटावा, जिला मैनपुरी, जिला औरैया कन्नौज आदि जिलों में ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए निकले तो सूत्र बताते हैं सहाब मत पूछों यहां तो समुद्र से भी गहरी खाई है। ?
यूपी सीएम की कुर्सी को खतरा इसी लिए बड़ा है कि मिलकर छुरी चलना किसको पता भी नहीं लगेगा ।और काम भी हो जायेगा।.?
इस लिए यह कुर्सी की रास लीला रची रही दुसरी पार्टियों से आये हुए लोग ,जो बड़े पदों का दे दिया सरताज बीजेपी को लगा कि हमें वोट मिलेगा.यह सबसे बड़ी भूल कर दी अबकी वार कहावत तौर पर हम बीजेपी में तो शामिल हो गए मगर काम तो हमने अपनी ही पार्टी का किया।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी की मांग देश विदेश भी प्रधानमंत्री के रूप चर्चा होने लगी तभी से बीजेपी में हलचल शुरू हो गई। क्यों कि योगी की मांग प्रधानमंत्री के रूप में जोर जोर से देश विदेश में शुरू हुई थी और देखना भी चाहते है। इस लिए यह खेल रचा गया। गया और यह वात बीजेपी को हजम नहीं हो रही।सीएम योगी जी को अपने आप में निर्णय लेना होगा आगे विधानसभा उप चुनाव भी और आगे 2027 में विधानसभा चुनाव है।
वहां की जनता का कहना है कि योजना के वारे में वात करें तो सभी को समान लाभ पहुंचा है। जो 70 वर्ष में नहीं हुआ वह यूपी के सीएम ने कर दिखाया।इनका एक्शन देखकर दुसरे राज्य भी इन्हीं के रास्ते पर चलने लगे.
सच तो यह है कि देशभर की जनता 70 प्रतिशत सीएम योगी को प्रधानमंत्री के रूप देखना चहाती है।मगर किसी के पेट में दर्द हो रहा। उसके लिए डाक्टर की आवश्यकता है.?