खबर प्रकाशित होने पर हिला मत्स्य विभाग मंत्रालय,हरकत में आया मत्स्य विभाग इटावा निरीक्षण तो किया?मगर निरीक्षण में 8 तहसील बीच दो अधिकारी,.. लेकिन जो खबर दिखाई उन ठेकेदारों पर कार्यवाही हुई क्या..
रिपोर्ट देवेन्द्र सिंह तोमर
इटावा में आज दिनांक 25 जुलाई 2024 को सहायक निदेशक मत्स्य तथा मत्स्य निरीक्षक द्वारा तहसील चकरनगर में यमुना नदी के दिभोली घाट एवं अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मछलियों की कई प्रजातियां भारी मात्रा में मरी पाई गई। इतनी भारी मात्रा मे मछलियों के मरने का प्रमुख कारण फैक्ट्री तथा रिफाइनरी का केमिकल युक्त पानी पानी है जो कि सीधा यमुना नदी में प्रवाहित किया जाता है।
जिससे नदी के वातावरण में प्रतिकूल बदलाव आता है। NGT के नियमों के अनुसार इंडस्ट्रीज एवं रिफाइनरी को नदी में एफ्लूएंट परवाह करने से पहले इसका ट्रीटमेंट करना जरूरी है जिससे इंडस्ट्री के छोड़े गए पानी का नदी के पर्यावरण में कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े परंतु अधिकांश इंडस्ट्री तथा रिफाइनरियों द्वारा बिना ट्रीटमेंट के इंडस्ट्री के एफ्लूएंट को सीधा यमुना नदी में प्रभाव करने के कारण नदी का पानी विषैला हो जाता है जिससे नदी में मौजूद मछलियां मर जाती हैं तथा यह पानी मछलियों में कई प्रकार की बीमारियां भी उत्पन्न कर सकता है। इसी प्रकार की स्थिति दिल्ली से लेकर इटावा के यमुना के संपूर्ण भाग में देखी गई है।