राजपथ पर स्थित शाही मस्जिद जाब्ता गंज, जहां सेंट्रल विस्टा परियोजना पर निर्माण कार्य चल रहा है।
नई दिल्ली:‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ का काम ज़ोरों पर है। लेकिन जब से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है इसको लेकर रोज एक नया विवाद देखने को मिल रहा है। ताजा मामला लुटियंस क्षेत्र में आने वाली कुछ मस्जिदों को लेकर है, जो प्रोजेक्ट की ज़द में आ सकती है। आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान ने इसको लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।
अमानतुल्ला खान ने प्रधान मंत्री से आश्वासन मांगा है कि लुटियंस क्षेत्र में विरासत मस्जिदों को नहीं छुआ जाये। आप विधायक के मुताबिक कई पुरानी मस्जिदों को संभावित नुकसान हो सकता है। ऐसे में उनकी तरफ से केंद्र से दस दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। वे कहते हैं कि सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट की वजह से कई पुरानी मस्जिदों को संभावित नुकसान की खबर मिली थी, इस मामले में आज प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर मस्जिदों को नुकसान न पहुंचाने की मांग की और दस दिनों के अंदर इस मुद्दे पर सरकार का स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चलते मानसिंह रोड पर जाब्ता गंज मस्जिद, वाइस प्रेसिडेंट आवास की मस्जिद और कृषि भवन की मस्जिद को संभावित नुकसान हो सकता है। ऐसे में किसी भी हालात में इन मस्जिदों को नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया है।
3 जून को लिखा गए पत्र में कहा गया है कि “सोशल मीडिया जैसे फेसबुक आदि पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा साझा की गई आशंका से चिंतित है कि दिल्ली के लुटियंस जोन के भीतर स्थित कुछ मस्जिदें, विशेष रूप से इंडिया गेट के पास जलाशय के अंत में स्थित ज़ब्ता गंज मस्जिद को तोड़ा जा रहा है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चलते कृषि भवन के परिसर और उपराष्ट्रपति आवास परिसर के अंदर स्थित मस्जिदों को भी तोड़ा जा रहा है।
उन्होंने सुनहरी बाग रोड मस्जिद और उसके पास एक मजार और रेड क्रॉस रोड पर जामा मस्जिद का भी उल्लेख किया। खान ने लिखा है कि मई में उत्तर प्रदेश में दो मस्जिदों को गिराए जाने से मुस्लिम समुदाय दुखी है। उन्होंने कहा कि किसी भी मस्जिद या वक्फ संपत्ति के बारे में दिल्ली वक्फ बोर्ड से अबतक कोई संपर्क नहीं किया गया है।