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खुद को पुलिस बताकर ट्रेन में वसूली करने वाला अरेस्ट:वर्दी, नेमप्लेट, आई कार्ड असली जैसे; 4 महीने से कर रहा था उगाही

खुद को पुलिस बताकर ट्रेन में वसूली करने वाला अरेस्ट:वर्दी, नेमप्लेट, आई कार्ड असली जैसे; 4 महीने से कर रहा था उगाही

एक युवक पुलिस में नौकरी करने का सपना देख रहा था। किसी कारणवश पढ़ाई 12वीं के बाद छोड़ दी। पुलिस में भर्ती की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। फिर उसने पुलिस जैसी वर्दी बनवा ली और ट्रेनों में यात्रियों से वसूली करने लगा।

बॉडी लैंग्वेज और वॉइस टोन भी पुलिसवालों की तरह रखता था। रविवार को जीआरपी ने उसे साबरमती एक्सप्रेस में वसूली करते पकड़ लिया। उसने बताया कि यह काम वह पिछले तीन-चार महीने से कर रहा है।

 

अशोकनगर आरपीएफ को ट्रेन नंबर 19167 साबरमती एक्सप्रेस के रेलवे स्टाफ से जानकारी मिली कि कोई पुलिस की वर्दी पहनकर यात्रियों से वसूली कर रहा है। उसे देखकर ऐसा संदेह हो रहा है कि वह नकली पुलिस वाला है। पुलिस को जब तक जानकारी मिली तब तक ट्रेन अशोकनगर रेलवे स्टेशन छोड़ चुकी थी।

 

आरपीएफ ने इसकी सूचना बीना आरपीएफ को दी। आरपीएफ और जीआरपी की टीम ट्रेन के बीना स्टेशन पहुंचने से पहले प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर पहुंच गई। पुलिस जब ट्रेन के एस-8 कोच में पहुंची तो आरोपी असली पुलिस को देखकर घबरा गया। उससे पूछताछ की गई तो अपना नाम रामकुमार मीणा निवासी स्वर्णकार कॉलोनी विदिशा बताया। उसकी उम्र 24 साल है। फिलहाल गुना के भार्गव कॉलोनी में रहता है।

खुद को पुलिस बताकर ट्रेन में वसूली करने वाला अरेस्ट:वर्दी, नेमप्लेट, आई कार्ड असली जैसे; 4 महीने से कर रहा था उगाही

 

 

जीआरपी के जवानों के साथ वर्दी में रामकुमार। जीआरपी ने उसके चेहरे पर इमोजी लगाकर फोटो जारी की ह

एक युवक पुलिस में नौकरी करने का सपना देख रहा था। किसी कारणवश पढ़ाई 12वीं के बाद छोड़ दी। पुलिस में भर्ती की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। फिर उसने पुलिस जैसी वर्दी बनवा ली और ट्रेनों में यात्रियों से वसूली करने लगा।

 

आरपीएफ ने इसकी सूचना बीना आरपीएफ को दी। आरपीएफ और जीआरपी की टीम ट्रेन के बीना स्टेशन पहुंचने से पहले प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर पहुंच गई। पुलिस जब ट्रेन के एस-8 कोच में पहुंची तो आरोपी असली पुलिस को देखकर घबरा गया। उससे पूछताछ की गई तो अपना नाम रामकुमार मीणा निवासी स्वर्णकार कॉलोनी विदिशा बताया। उसकी उम्र 24 साल है। फिलहाल गुना के भार्गव कॉलोनी में रहता है।

 

जीआरपी टीआई बबीता कठेरिया ने रामकुमार की गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा किया।

वर्दी, नेम प्लेट और आईडी एकदम असली जैसी

 

पुलिस की पूछताछ में रामकुमार ने बताया कि उसके पिता खेती-किसानी का काम करते हैं। उसके पिता के पास सात बीघा जमीन है। वह अपने परिवार से अलग कुछ सालों से पत्नी और बच्चों के साथ गुना में रहता है। बेरोजगारी और आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसने पुलिस की वर्दी पहनकर वसूली करने का प्लान बनाया। एक दुकान से वर्दी और नेम प्लेट बनवाई। आईडी कार्ड भी बनवाया। सब असली जैसी दिखती हैं।

 

एक नहीं, दो-दो पुलिस महकमे की आईडी

 

पुलिस ने जब आरोपी की तलाशी ली तो आरोपी के पास एक आरपीएफ और एक जिला पुलिस बल का कार्ड जब्त किया है। यह दोनों आईडी कार्ड 2020 के बने हुए हैं। दोनों आई कार्ड में आरपीएफ की सील लगी हुई है। आरोपी ने नकली आईडी कार्ड बनवाया और उस पर नकली सील भी लगाई।

ऑनलाइन चार्ट निकालकर करता था वसूली

 

रामकुमार जिस भी ट्रेन में चढ़ता था, पहले उसका ऑनलाइन चार्ट निकाल लेता था जो देखने पर पूरा ओरिजिनल लगता है। इसके बाद वह ट्रेन में बैठकर उन यात्रियों के पास नहीं जाता था, जिनका चार्ट में नाम रहता था। वह यात्रियों से पुलिस की तरह ही पेश आता था। इसके बाद ट्रेन के गेट पर खड़े और बैठे हुए लोगों व जबरदस्ती सीट पर बैठने वालों से पूछताछ करता था।

 

बिना टिकट या वेटिंग वाले होने पर वो घबरा जाते थे, तब रामकुमार उनसे रुपयों की डिमांड करता था।

चार महीने से वसूली कर रहा था

 

पुलिस को मुखबिरों से पता चला कि ट्रेनों में पुलिस का कोई आदमी अशोकनगर से चढ़ जाता है और वसूली करता है। जीआरपी ने इस बीच उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सही लीड न मिलने की वजह से वो इधर-उधर हो जाता था या छिप जाता था। रविवार को पक्की खबर मिलने के बाद उसे पकड़ लिया। जीआरपी के पुलिसकर्मी उससे जब्त सामान और उसका तरीका देखकर हैरान रह गए।

 

बीना जीआरपी थाना प्रभारी बबीता कठेरिया ने बताया कि आरोपी से और भी पूछताछ करने पर नए तथ्य सामने आएंगे। आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

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