पूणे

देश का हर स्कूल क्रांति मंदिर बने,भाषा विशेषज्ञ संदीप नूलकर के विचारः

देश का हर स्कूल क्रांति मंदिर बने,भाषा विशेषज्ञ संदीप नूलकर के विचारः

बालगंधर्व आर्ट गैलरी में २ हजार क्रांतिकारियों की तस्वीरों की प्रदर्शनी का उद्घाटन

 

पुणे, : देश का हर स्कूल क्रांति का मंदिर बनना चाहिए. अगर देश के ३० करोड़ युवाओं में से ३ करोड विद्यार्थी बड़े होकर देश का नाम रोशन करें तो यह देश महान होगा. इसके लिए उन्होंने ऐसे क्रांतिकारियों की एक प्रदर्शनी आयोजित करना बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे विचार भाष विशेषज्ञ संदीप नुलकर ने व्यक्त किए.

कर्नाला चैरिटैबल ट्रस्ट, पुणेद्वारा ‘ओळख देशभक्तांची शाळा तेथे क्रांती मंदिर’ के ९४८ दिवसीय परिक्रमा तहत बालगंधर्व आर्ट गैलरी में २ हजार क्रांतिकारियों की तस्वीरों की एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया. इसके उद्घाटन मौके पर वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

सभी के लिए निःशुल्क प्रदर्शनी २ से ४ अगस्त तक सुबह ११ बजे से रात ८ बजे तक जारी रहेंगी. इस प्रदर्शनी में २ हजार ज्ञान और अज्ञान क्रांतिकारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इसके अलावा लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की ७५ तस्वीरें विभिन्न माध्यमों के आकारों में साकार की गई है.

इस अवसर पर वरिष्ठ लेखिका चंद्रलेखा बेलसरे, सामाजिक कार्यकर्ता जयंत जास्ते, कैप्टन परशुराम शिंदे और कर्नाला चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी चंद्रकांत शहासने उपस्थित थे.

संदीप नूलकर ने कहा, इस देश को महान बनाने के लिए ऐसे क्रांतिकारियों के विचारों को विद्यार्थीयों के मन में बीज बोना जरूरी है. इससे बच्चोंं के माता पिता को उन पर गर्व होगा.

अभय भोर ने कहा, क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान देकर देश को सुजलाम सुफलाम बनाया है, लेकिन कई छात्र या जनता २ हजार क्रांतिकारियों के बारे में नहीं जानते. इसलिए हम १५ अगस्त को पुणे और पिंपरी चिंचवड मेट्रो स्टेशनों पर क्रांतिकारियों की एक प्रदर्शनी आयोजित करने की कोशिश कर रहे है.

चंद्रकांत शहासने ने कहा, यह देश की एकमात्र प्रदर्शनी है जो २ हजार क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है. इसलिए हमने ९४८ दिनों के दौरे के दौरान पूरे महाराष्ट्र के हर स्कूल में इसका आयोजन किया है. अब तक हमने आजादी के इतिहास के अवगत कराया है. साथ ही १ लाख से अधिक छात्रों को क्रांतिकारियों के संघर्ष की गाथा सुनाई है.

चंद्रलेखा बेलसरे ने कहा, देश में वैचारिक क्रांति की जरूरत है और बच्चों में क्रांति जगाने की सलाह दी ताकि क्रांतिकारियों का बलिदान व्यर्थ न जाये. सामाजिक कार्यकर्ता जयंत जस्ते ने बताया कि यह प्रदर्शनी ज्ञान और अज्ञात क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है. मिलिंद सबनीस ने कहा कि देश का भविष्य उज्ज्वल है और यह देश पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करने वाला है. कैप्टन परशुराम शिंदे ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

इस मौके पर वीरमाता, वीरकन्या, वीरपुत्र एवं सेना के पूर्व सैनिक वीरांगनाओं का अष्टविनायक ग्रूप के बाफना एवं कार्यकर्ता तथा अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया.

यहां पर न्यू इंग्लिश स्कूल एवं रमण बाग स्कूल के छात्र छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम का संयोजन विश्वस्त एंड. नंदिनी शहासने द्वारा किया गया. तेजाली शहासने ने सभी का आभार माना.

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