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इटावा के शिक्षा विभाग स्कूल में फर्जी नियुक्तियों पर कार्यवाही कब? अपर शिक्षा निदेशक अधिकारी व बेसिक शिक्षा विभाग इटावा ,निदेशालय, शिक्षा मंत्री को दिखाया ठेंगा

इटावा के शिक्षा विभाग स्कूल में फर्जी नियुक्तियों पर  कार्यवाही कब ? इटावा बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा अपर शिक्षा निदेशक अधिकारी व बेसिक शिक्षा  निदेशालय , शिक्षा मंत्री को दिखाया ठेंगा 

 

विशाल समाचार नेटवर्क इटावा: जनपद इटावा के शिक्षा विभाग और उच्च अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार को (दिन दूना रात चौगुना)के लिए दिन-रात पानी से सिंचाई की गई।

इस प्रकार का मामला जिला इटावा के शिक्षा विभाग से जुड़ा प्रकाश में आया है।

उ० मा० विद्यालय भीखनपुर जसोहन इटावा कार्यालय के एक कर्मचारी ने अपना नाम नही छापने की शर्त पर बताया है कि.

बताते चले शिक्षा निदेशक बेसिक उत्तर प्रदेश के पत्रांक सामान्य (1) बेसिक / 2774/2017-18 दिनांक 13-09-2017 के अनुपालनार्थ सपा शासनकाल में भारतीय आदर्श उ० मा० विद्यालय भीखनपुर जसोहन इटावा में की गई फर्जी नियुक्तियों को निरस्त करने की शिकायत पर शिकायत होती चली आ रही है। इस पर जिला प्रशासन से लेकर उच्च अधिकारियों की नजर क्यों नहीं जा रही इसका क्या कारण है।

क्या भ्रष्टाचार के रैकिट में शामिल शासन व सरकार को बदनाम करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के भ्रष्ट, बेईमान, निकम्मे व कामचोर अधिकारियों सहित दोषियों के विरुद्ध एस० आई० टी०/विजीलेन्स जाँच कराकर कानूनी कार्यवाही क्यों नही?

इस स्कूल में बच्चे भी दिखाई नहीं देते? और निरीक्षण के समय दुसरे स्कूल  से बच्चे बुला लिए जाते? प्रधानाध्यापक,अध्यापक व लिपिक पर विशेष मेहरबान हैं तो फर्जी नियुक्ति के आधार पर चयनित किया गया।

शासन-प्रशासन का गृह कोषागार का खजाना फर्जी बाड़े में बेफिजूल खर्च किया जा रहा है। सरकारी खजाने को बचना ही होगा।

शासन से अनुमति के पूर्व ही चयन प्रक्रिया पूर्ण की गई। क्यों ?

6. चयनित प्रधानाध्यापक राजपाल यादव व लिपिक विकास यादव प्रबन्धक श्री कुशलपाल के सगे भतीजे व सगा पुत्र है।

चयनित अध्यापक चन्द्रशेखर अध्यक्ष श्री नत्थू सिंह का सगा पुत्र है।

उ० प्र० मान्यता प्राप्त (जू०हा० स्कूल) लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा की शर्तों नियमावली 1984 में दी गई व्यवस्थानुसार किसी भी स्कूल प्रबन्धक के सगे सम्बन्धी किसी भी पद पर चयनित नहीं किये जा सकते ।

समस्त आवेदन पत्र व अनुभव प्रमाण पत्र एक ही व्यक्ति के हस्तलेख में हैं जो फर्जी होने का प्रबल साक्ष्य है।

चयनित प्रधानाध्यापक राजपाल सिंह का अनुभव प्रमाण पत्र एक ही समय में लगातार तीन वर्ष तक 35 कि०मी० दूर के दो विद्यालयों में पढ़ाने का है जिसे कर्मराज यादव व जे० पी० राजपूत ने सत्यापित किया है।

 

क्या एक समय में एक ही व्यक्ति दो स्थानों पर मौजूद रह सकता है। दुनियाँ में कोई भी ऐसा तंत्र, मंत्र, यंत्र आज तक विकसित नहीं हुआ है जो एक ही व्यक्ति को एक ही समय में लगातार तीन वर्ष तक दो स्थानों पर दिखाता रहे। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अंधा, बहरा, गूँगा, बेईमान, भ्रष्ट व रिश्वती होने का इससे अच्छा कोई प्रमाण हो नहीं सकता?

बावत् जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा के अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को प्रेषित पत्रांक-वे० शि० प०/14448-49/2023-24 दिनांक 21-03-2024 में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका संख्या-4507/ 2021 में 18-08-2021 को पारित आदेश में खारिज दर्शाना जबकि उपरोक्त रिट याचिका एटा जनपद की है ऐसी गुमराहयुक्त आख्या में स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की गंध आ रही है। उक्त आख्या नितांत गलत, झूठी व बेसिक शिक्षा विभाग पर बदनुमा दाग है जिसकी जाँच कराकर कानूनी कार्यवाही की जाय ।

 

यदि बेसिक शिक्षा विभाग व शासन उपरोक्त विद्यालय में फर्जी नियुक्ति /चयनित प्रधानाध्यापक, अध्यापक व लिपिक पर विशेष मेहरबान हैं तो फर्जी नियुक्ति के आधार पर प्रदेश में बर्खास्त/दण्डित किये गये शिक्षकों को सवेतन ससम्मान बहाल कर दोहरी मापदण्ड खत्म कब?

उपरोक्त विद्यालय में किये गये करोड़ों रुपये के मिड डे मील घोटाले की जाँच कराकर कानूनी कार्यवाही कब ?

जब तक भारतीय आदर्श उ० मा० विद्यालय भीखनपुर जसोहन, इटावा में फर्जी चयनित प्रधानाध्यापक, अध्यापक व लिपिक की सपा शासन काल में की गई फर्जी नियुक्तियों को बेसिक शिक्षा निदेशक के अनुपालन में निरस्त कर दण्डात्मक कार्यवाही के साथ-साथ मिड डे मील में हुए करोड़ों के घोटाले के रैकिट में शामिल शासन व सरकार को बदनाम करने वाले विभागीय अधिकारियों सहित दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कब? स्कूल के एक कर्मचारी ने अपना नाम नही छापने की शर्त पर बताया है

आज 15 अगस्त 2024 को दिल्ली लालकिले से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने भाषण में कहा है कि भ्रष्टाचार की जो दिमक है उसे जड़ से समाप्त करना है।शिक्षा मंत्री यूपी संदीप सिंह  जबाव दें

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