पूणे

देश को आंतरिक शत्रुओं से ज्यादा खतरा,जनरल (सेवानिवृत्त, सेनाध्यक्ष) डॉ.मनोज नरवणे के विचार: एमआईटी डब्ल्यूपीयू में ७८ वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

देश को आंतरिक शत्रुओं से ज्यादा खतरा,जनरल (सेवानिवृत्त, सेनाध्यक्ष) डॉ.मनोज नरवणे के विचार: एमआईटी डब्ल्यूपीयू में ७८ वां स्वतंत्रता दिवस समारोह

 

विशाल समाचार नेटवर्क पुणे : जब भी देश की सुरक्षा पर सवाल उठता है तो पहली प्राथमिकता घरेलू विवादों पर ध्यान देने की होती हैं. इस देश का बाहरी दुश्मनों से ज्यादा खतरा आंतरिक दुश्मनों से है. यह उद्गार जनरल (सेवानिवृत्त, सेनाध्यक्ष) डॉ.मनोज नरवणे ने व्यक्त किए.

माईर्स एमआईटी ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी की ओर से कोथरूड कैंपस में जनरल (सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष) डॉ.मनोज नरवणे द्वारा झंडा फहराकर ७८ वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया.

इस अवसर पर मेजर जनरल विक्रम देव डोगरा (सेवानिवृत्त) और वीणा नरवणे सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणिस, एमआईटी के अधिष्ठाता प्रो.शरदचंद्र दराडे पाटिल उपस्थित थे. साथ ही संस्थान के सभी निदेशक, प्रोफेसर, गैर शिक्षण कर्मचारी और हजारों छात्र छात्राएं मौजूद थे.

डॉ. मनोज नरवणे ने कहा, देश के अंदर बढते भेदभाव पर अंकुश लगाना जरूरी है. विकसित भारत के लिए काम करते हुए भारतीय संविधान के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. अगर हर नागरिक जागरूक होगा और देश के लिए अपना कर्तव्य निभाएगा तो प्रगति निश्चित होगी.

मेजर जनरल विक्रम देव डोगरा ने कहा, देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण के लिए काम करना चाहिए. देश का अच्छा नागरिक बनने के लिए सभी को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए.

प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, यह भारत माता के प्रति समर्पण की भावना जगाने के दिन है. अनुशासन, चरित्र और समर्पण के आधार पर देश की सेवा करनी चाहिए. साथ ही सभी को माता पिता और देश की सेवा का कर्तव्य भी ईमानदार से निभाना चाहिए. भारत के पास विश्व गुरु बनने और विश्व को सुख, शांति और संतुष्टि देने की शक्ति है.

राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, वर्तमान में देश में जाति, समुदाय, अपराध, परिवर्तन भ्रष्टाचार और औपनिवेशिका की दर बढ़ रही है. ऐसे में हमारी मानसिकता को बदलना जरूरी है. ऐसे समय राजनीति में गहराई बढाना जरूरी है. इसके लिए शिक्षित युवाओं का राजनीति में आना जरूरी है. साथ ही लोगों की मानसिकता बदलने की संस्कृति का निर्माण करना जरूरी है.

डॉ. आर.एम.चिटणीस ने प्रस्तावना रखी,.राहुल वि.कराड ने हजारों छात्रों को आजादी की रक्षा की शपथ दिलाई.

प्रो.डॉ. गौतम बापट ने संचालन किया.

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