पुणे के ‘बर्गर किंग’ से हारा अमेरिका का ‘बर्गर किंग’, जीती 13 साल पुरानी नाम की लड़ाई, जानें पूरा मामला
विशाल समाचार नेटवर्क:पुणे के बर्गर किंग ने अमेरिकी कंपनी बर्गर किंग कॉर्पोरेशन के खिलाफ ट्रेडमार्क विवाद में जीत हासिल की। पुणे की कोर्ट ने पाया कि पुणे का आउटलेट 1992-1993 से नाम का उपयोग कर रहा था और अमेरिकी कंपनी ने 2014 में भारत में प्रवेश किया, लेकिन तब तक नाम का अधिकार पुणे के बर्गर किंग के पास था।
पुणे : बर्गर किंग को लेकर लोग जानते हैं कि यह अमेरिका का एक बड़ी कंपी है। इस ग्लोबल दिग्गज कंपनी को पुणे के बर्गर किंग ने हरा दिया है। दरअसल बर्गर किंग नाम को लेकर अमेरिकी कंपनी और पुणे के इस बर्गर किंग आउटलेट की कोर्ट में लड़ाई चल रही थी। 13 साल बाद पुणे के बर्गर किंग के पक्ष में कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
जिला न्यायाधीश सुनील वेदपथक ने 16 अगस्त के अपने आदेश में वैश्विक फास्ट फूड दिग्गज अमेरिका स्थित बर्गर किंग कॉर्पोरेशन की ओर से स्थानीय प्रतिष्ठान के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
कपल चलाता है रेस्तरां
मैसर्स बर्गर किंग के मालिक अनाहिता और शापूर ईरानी के खिलाफ मुकदमा बर्गर किंग कॉर्पोरेशन ने दायर किया था। अनाहिता और शापूर कैंप और कोरेगांव पार्क क्षेत्रों में अपने प्रतिष्ठित भोजनालय बर्गर किंग का संचालन करते हैं।
कंपनी ने बैन लगाने की रखी मांग
मैसर्स बर्गर किंग के मालिक अनाहिता और शापूर ईरानी के खिलाफ मुकदमा बर्गर किंग कॉर्पोरेशन द्वारा शुरू किया गया था, जो कैंप और कोरेगांव पार्क क्षेत्रों में अपने प्रतिष्ठित भोजनालय का संचालन करते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनी ने नुकसान के दावे और नाम के उपयोग पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।