हादसा

दैनिक भारत डायरी के संपादक अशोक अग्रवाल का दुखद निधन

दैनिक भारत डायरी के संपादक अशोक अग्रवाल का दुखद निधन

पत्नी, दो बेटे, बहुएं, नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार शोकाकुल

 

आजीवन श्रमिक पत्रकारिता का जुझारू चेहरा रहे अशोक अग्रवाल

 

पुणे में हिंदी पत्रकारिता की अपूरणीय क्षति, मान्यवरों ने व्यक्त की शोक संवेदनाएं

 

पुणे,:  पुणे से दैनिक भारत डायरी के प्रतिष्ठित संपादक श्री अशोक अग्रवाल का सोमवार को पुणे में दिल का दौरा पड़ने से अचानक दुखद निधन हो गया है। उनकी उम्र लगभग 60 वर्ष थी। उनके निधन से हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। अशोक अग्रवाल अपनी निष्पक्ष, निर्भीक और सत्य निष्ठा पर आधारित पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध थे। वे अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, बहुएं और नाती-पोतों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

 

श्री अग्रवाल ने आजीवन श्रमिक पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बनाई और पूरी ईमानदारी तथा समर्पण के साथ जुझारू पत्रकारिता की। उनका योगदान न केवल पुणे बल्कि समस्त हिंदी पत्रकारिता जगत के लिए प्रेरणादायक रहा। अशोक अग्रवाल ने हमेशा निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल पेश की, जो सत्यनिष्ठा और समाज की सच्ची सेवा से प्रेरित थी।

 

हिंदी पत्रकारिता को बड़ा नुकसान

 

उनके निधन पर पुणे और देशभर के पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों, राजनेताओं ने गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। सभी ने यह माना कि अशोक अग्रवाल की कमी को पूरा करना बेहद मुश्किल है। उन्होंने अपने जीवन में पत्रकारिता को समाज की सच्ची आवाज के रूप में प्रस्तुत किया और हमेशा निडर होकर सच को सामने लाने का काम किया।

 

दैनिक भारत डायरी की स्थापना और विरासत

 

अशोक अग्रवाल ने 8 अगस्त 1997 को दैनिक भारत डायरी की स्थापना की थी, जो आज पुणे में हिंदी पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इस समाचार पत्र के पहले अंक का शुभारंभ स्वर्गीय फिल्म अभिनेता कादर खान ने किया था। तब से लेकर अब तक दैनिक भारत डायरी ने जनहित की पत्रकारिता को सर्वोपरि रखा और समाज के कमजोर तबकों की आवाज बनी रही।

दैनिक भारत डायरी हर साल अपना वर्धापन दिवस मानता रहा है जिसमें बॉलीवुड के सितारों का जमघट लगता था। इस साल से श्री अग्रवाल ने फिल्म अभिनेता कादर खान के नाम से “सर कादर खान जीवन गौरव अवॉर्ड”देने की घोषणा की थी। इसी 14 सितंबर को लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें एनसीपी नेता शरद पवार और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल के हाथों फिल्म अभिनेता जितेंद्र कपूर को सर कादर खान जीवन गौरव पुरस्कार दिया जाना था किंतु इसी बीच असमय श्री अग्रवाल का दुखद निधन हो गया जिसके चलते अब यह कार्यक्रम पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।

 

अशोक अग्रवाल को 2 दिन पहले सीने में दर्द की शिकायत हुई थी जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने सोमवार शाम अंतिम सांस ली। श्री अग्रवाल के निधन से समूचे पुणे के पत्रकारों, राजनीतिक नेताओं तथा भारत डायरी के शुभचिंतकों और पाठको के साथ ही समस्त अग्रवाल समाज को गहरा आघात लगा है।

 

विशाल अग्रवाल संभालेंगे संपादकीय जिम्मेदारी

 

अशोक अग्रवाल के निधन के बाद उनके बेटे और उप संपादक विशाल अशोक अग्रवाल संपादक की तात्कालिक जिम्मेदारी संभालेंगे। विशाल अग्रवाल भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए पत्रकारिता की सेवा में लगे हैं और वे इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार हैं।

 

अशोक अग्रवाल का निधन हिंदी पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके द्वारा स्थापित मान्यताओं और मूल्य आधारित पत्रकारिता की धारा को आगे बढ़ाने की चुनौती अब उनके परिवार और सहयोगियों के कंधों पर है।

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