राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित किए जा रहे कार्यों के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा प्रेस ब्रीफिंग कर दी गई जानकारी
विशाल समाचार सीतामढ़ी संवाददाता
नेपाल में बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी एवं अप्रात्यशित वर्षा होने के कारण बागमती नदी के जलस्तर में तीव्र गति से एवं अप्रत्याशित वृद्धि हुई जिसके कारण नदी में जल का स्तर अपने सर्वकालिक HFL से भी लगभग आधा मीटर उपर चला गया। परिणामतः नदी के तटबंध पर जल का दवाब काफी बढ़ गया। ऐसी स्थिति में बेलसंड प्रखंड के मधकौल में सर्वप्रथम नदी का बाँध टुटा और उसके बाद बेलसंड प्रखंड के सौली रूपौली तथा रुन्नीसैदपुर के तिलकताजपुर तथा बलुआ में बाँध के टुटने की घटना हुई। बॉध टुटने के बाद बाँध के बाहरी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा। जिसका प्रभाव बेलसंड एवं रून्नीसैदपुर प्रखंड में पड़ा। बेलसंड एवं रुन्नीसैदपुर प्रखंड को मिलाकर कुल 31 पंचायत इस बाढ़ से प्रभावित हुए है जिसमें 51285 की संख्या में आबादी निष्कमित हुई। निष्क्रमण में NDRF के 04 टीम एवं SDRF के 01 टीम तथा 27 नावों के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। अबतक 20934 राशन पैकेट जिसमें प्रत्येक पैकेट में चुड़ा, चीनी, चना एवं हैलोजन टैबलेट होता है, वितरित किया गया है। राशन पैकेट बनाने का कार्य स्वच्छता के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए एवं जीविका दीदियों के सहयोग से इनडोर स्टेडियम में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एयर ड्रॉपिंग की माध्यम से भी जरूरतमंदों को राशन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 12850 पॉलीथीन शीट्स का वितरण किया गया है। दोनों प्रखंडों को मिलाकर वर्तमान में कुल 40 सामुदायिक रसोई केन्द्र संचालित हैं। जिसमें बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को सुबह-शाम दो बार पका हुआ भोजन उपलब्ध रहा है। आज के दिन कुल 17043 लोगों को सामुदायिक रसोई केन्द्रों पर भोजन कराया गया है। मानव स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करने हेतु बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 41 चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 4259 मरीजों का उपचार किया गया। इसके अतिरिक्त चुना एवं ब्लिीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। अभी तक 37 क्विंटल पशु चारा का वितरण किया गया है तथा 05 पशु चिकित्सा केन्द्र एवं 04 एनिमिटी भान भी संचालित किये गये हैं। पी०एच०ई०डी० द्वारा आवश्यकतानुसार चापाकल का अधिष्ठापन एवं अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाटर प्योरिफायर अधिष्ठापित किये जा रहे है।
वर्तमान में बागमती नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज किया जा रहा है। नदी में वर्तमान में ढंग, डुब्बाधार एवं चंदौली स्थानों पर जलस्तर खतरे के निशाने से नीचे आ चुका है और अन्य स्थलों पर भी जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है। तटबंधों पर लगातार चौकसी बरती जा रही हैं। इस प्रकार जिले में अब बाढ का खतरा नहीं है।