नगर विकास मंत्री के निर्देश पर आगामी त्योहारों में बेहतर प्रबंधन और साफ़ सफ़ाई के लिए नगर विकास विभाग ने जारी की एसओपी
नगरीय निकाय ’स्वच्छ त्यौहार-स्वस्थ परम्परा’ की अवधारणा को करें साकार’
लखनऊ धर्मेन्द्र कुमार वर्मा संवाददाता
मनुष्य के भौतिक, आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति व सुख समृद्धि के लिए उसके आस पास का वातावरण साफ़ सुथरा और स्वच्छ होना चाहिए। स्वच्छ वातावरण में ही ईश्वर का वास होता है। स्वच्छता हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र भी है। इसी दृष्टिकोण के साथ तथा श्स्वच्छ त्यौहार-स्वस्थ परम्परा’ की अवधारणा को साकार करने के लिए ही आगामी त्योहारों दीपावली, छठ पूजा आदि को ’स्वच्छ त्योहार, स्वस्थ परम्परा’ के रूप में मनाने का आह्वान प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जी द्वारा किया गया, जिसके अंतर्गत सभी निकाय कार्मिकों को स्वच्छता को बनाये रखने के निर्देश दिए गए। जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश के नगरों को स्वच्छ, सुन्दर और वैश्विक स्तर का बनाने के लिए नगर विकास विभाग प्रतिबद्ध है। आगामी त्योहारों में श्स्वच्छ त्यौहार-स्वस्थ परम्पराश् की मूल भावना से मनाने और इसे अपने संस्कार में स्थापित करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना है। आगामी त्योहारों को स्वच्छता का प्रतीक बनाने के लिए निकायों व गंगा टाउन व नदी घाटों, धार्मिक स्थलों, नगर के मुख्य मार्गों, चौराहों व हेरिटेज स्थलों पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी कार्मिक पूर्ण क्षमता के साथ जुट जाएं।
अपर निदेशक श्रीमति ऋतु सुहास ने नगर विकास मंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश की सभी निकायों में आगामी त्योहारों दीपोत्सव, दीपावली, भाई दूज, देव दीपावली एवं छठ पूजा हेतु एसओपी जारी करते हुए कहा कि आगामी दिवसों में कई पर्व मनाये जायेंगे। प्रदेश में विशेष सतर्कता और सावधानी बरतने के साथ ही नगरीय निकायों में साफ-सफाई व्यवस्था एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुदृढ किया जाना आवश्यक है। निकायों में साफ-सफाई व्यवस्था, शुद्ध पेय जल की उपलब्धता, मार्ग प्रकाश व्यवस्था, अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के निर्देश जारी किये हैं। निकायों में नियमित रूप से प्रातः 05 बजे से 08 बजे तक साफ-सफाई सुनिश्चित की जाये। बाज़ारों व उनके आसपास साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। वहां उत्पन्न होने वाले कचड़े का निस्तारण भी पूर्ण कराया जाए। सभी त्योहारों को जीरो वेस्ट इंवेट के रुप में मनाया जाए। निकाय की सड़कों, गलियों इत्यादि की सफाई हेतु माइक्रो प्लान बनाकर प्रत्येक मोहल्लों/वार्डों की सड़कों/गलियों की सफाई हेतु सफाई कर्मियों की बीट बनाते हुये सफाई सुनिश्चित की जाये। जिसकी मॉनीटरिंग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सुनिश्चित किया जाये।
प्रदेश के नगरीय निकायों में स्थित आगामी त्योहारों के अवसर पर विशेष रूप से सफाई कर्मिकों की तैनाती करते हुये प्रतिदिन साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। सफाई के समय एकत्र किये गये कूड़े को उसी समय सेनेट्री लैण्ड फिल साईट पर अथवा उचित स्थान पर भिजवाया जाये। किसी भी दशा में एकत्र किये गये कूड़े अथवा सिल्ट को सड़क पर नहीं छोडा जाएगा। जल भराव वाले स्थानों को चिन्हित करते हुये सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर नियमित रूप से दिन में एण्टीलार्वा स्प्रे का छिड़काव किया जाय तथा शाम के समय फॉगिंग करायी जाये। सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर त्योहार के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम व क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर, मैलाथियान डस्ट, चूना इत्यादि का नियमित छिड़काव कराया जाये। शहर में सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (एस.पी.एम.) एवं धूल को कम करने हेतु आवश्यकतानुसार सडकों पर पानी का छिड़काव किया जाये। सार्वजानिक व पब्लिक शौचालयों में दिन में न्यूनतम दो बार अवश्य साफ-सफाई एवं सेनेटाईजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। निकाय क्षेत्र में उगे झाड़ियों/अवांछित पौधों की कटाई छटाई एवं सफाई सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने कहा कि निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु जनसामान्य को घरों में कूड़े के पृथक्करण हेतु जागरूक किया जाये तथा निकाय में शत-प्रतिशत घरों से कूड़ा का कलेक्शन दैनिक रूप से किया जाये। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिये प्रयोग की जानी वाली गाड़ियों में सूखे एव गीले कूड़े हेतु अलग-अलग कम्पार्टमेन्ट की व्यवस्था की जाये। कूड़ा उठान हेतु रूट प्लान बनाये जाये तथा निर्धारित समयावधि में घरों से चिन्हित पडाव स्थलों (खुला पड़ाव स्थल/बन्द पड़ाव स्थल/कॉम्पैक्टर) तक एव उक्त स्थलों से डम्पिग ग्राउन्ड / निस्तारण संयत्र तक कूड़ा पहुँचाया जाना सुनिश्चित किया जाये। कूड़ा उठान के उपरान्त चिन्हित् खुला पड़ाव स्थल /बन्द पड़ाव स्थल / कॉम्पैक्टर की सफाई नियमित रूप से की जाये। उ.प्र. राज्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली के अनुसार ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, पृथक्करण, परिवहन, प्रसंस्करण तथा निस्तारण हेतु समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। निकायों के अधिकारी व निरीक्षक नियमित रूप से प्रातः 05 बजे से 08 बजे तक फील्ड में रहकर दैनिक साफ-सफाई, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़ा उठान, सीवर की सफाई, नाली की सफाई इत्यादि का पर्यवेक्षण करेंगे।
आगामी त्योहारों के मद्देनज़र मार्ग प्रकाश व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया जाये।निकाय के सबंधित यांत्रिकी विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी स्ट्रीट लाइट्स समुचित रूप से कार्य करें, इनकी मरम्मत / अनुरक्षण / खराब पड़ी लाइट्स को बदलने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। निकाय के सम्बन्धित अधिकारी स्ट्रीट लाइट पोल जंकशन बाक्स आदि का निरीक्षण कर लें ताकि स्ट्रीट लाईट व बिजली से कोई दुर्घटना घटित न होने पाए।
त्योहारों में प्रतिबन्धित प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग के विरूद्ध चलाएं अभियान
स्वच्छ त्योहार-स्वस्थ परम्परा की अवधारणा को साकार करने हेतु प्रतिबन्धित प्लास्टिक कैरी बैग तथा प्लास्टिक या थर्माकोल से निर्मित एक बार उपयोग के पश्चात निस्तारण योग्य कप, गिलास, प्लेट, इत्यादि उत्पादों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर आवश्यक कार्यवाही की जाये। आगामी त्योहारों एवं नवरात्रि पांडालों में प्रतिबन्धित प्लास्टिक/थर्माकोल के उत्पादों का प्रयोग न हो तथा कूड़े कचडे के लिये डस्टबिन का प्रयोग करने के लिए जागरूक करते हुए जीरो प्लास्टिक इवेट बनाया जाये। जनमानस को प्लास्टिक कैरीबैग के स्थान पर अन्य विकल्पों यथा जूट बैग, कपड़ों का बैग इत्यादि का उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाये।
स्वच्छ त्यौहारों अंतर्गत निकाय के सभी स्थलों के साथ ही घाटों की साफ सफाई, सुनिश्चित की गई। महिलाओं की सुविधा के लिए प्रकाश की उचित व्यवस्था व मोबाइल टॉयलेट्स का प्रबंध किया जाये। अर्पण सामग्री नदी में न प्रवाहित हो इसके लिए अर्पण कलश की स्थापना की जाए।
नगरीय निकायों में निराश्रित गोवंशों को संवेदनशीलता से पकड़कर निकाय द्वारा संचालित गो आश्रय स्थलों में सुरक्षित रखकर समुचित खान-पान की व्यवस्था की जाये। आईईसी कैंप के माध्यम से साफ सफाई व्यवस्था, कूड़े का पृथक्करण, प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करने आदि के लिए विशेष रूप से प्रचार प्रसार अभियान चलाया जाये। इस हेतु स्वच्छ वातारण प्रोत्साहन समिति/एनसीसी कैडेट्स/छात्रों / वॉलंटियर / स्वैच्छिकसंगठनो / व्यापार मण्डल / उद्योग मण्डल / जनप्रतिनिधियों इत्यादि का भी सहयोग लिया जाये। प्रदेश के नगर निगमों में स्थापित आईसीसीसी एवं आईटीएमएस के माध्यम से यातायात का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।