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काशी की जनता से बोले मोदी- हमरे बेटा-बेटी के बड़ा खेल के तैयारी बदे अच्छा सुविधा मिल गयल हौ

काशी की जनता से बोले मोदी- हमरे बेटा-बेटी के बड़ा खेल के तैयारी बदे अच्छा सुविधा मिल गयल हौ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग साढ़े घंटे तक रहे। इस दौरान उन्होंने 6700 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और उद्घाटन किया। इसके साथ ही एक लाख युवाओं को राजनीति में हिस्सा देने की भी बात कही।

वारणसी विशाल समाचार संवाददाता 

सिगरा स्टेडियम में करीब 22 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार भोजपुरी में संबोधन दिया। इसमे करीब दस मिनट तक उनका संबोधन काशी के विकास के इर्द-गिर्द ही रहा। उन्होंने कहा कि हमारी काशी, अब खेलों का भी एक बहुत बड़ा केंद्र बनती जा रही है। सिगरा स्टेडियम अब नए रंग-रूप में आपके सामने है।

उन्होंने कहा, यहां राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से लेकर ओलंपिक तक की तैयारियों के इंतजाम हो गए हैं। यहां खेलों की आधुनिक सुविधाएं बनी हैं। काशी के नौजवान खिलाड़ियों का सामर्थ्य क्या है, ये सांसद खेल प्रतियोगिता के दौरान हमने देखा है। अब पूर्वांचल के हमरे बेटा-बेटी के बड़ा खेल के तैयारी बदे अच्छा सुविधा मिल गयल हौ।

प्रधानमंत्री ने राजघाट पर बनने वाले नए रेल ब्रिज का जिक्र किया। बोले, इ जौन राजघाट क पुल हौ न… एकरे पास में एक ठे भव्य पुल और बने जात हौ… एकरे नीचे कई ठे ट्रेन चली… औरी ऊपर 6 लेन क हाईवे भी बनी… एकर लाभ बनारस औरी चंदौली के लाखन लोगन के मिली। कहा कि हमारा निरंतर प्रयास है कि हमारी काशी, हमारा पूर्वांचल व्यापार-कारोबार का और बड़ा केंद्र बने। इसलिए कुछ दिन पहले ही सरकार ने गंगाजी पर एक नए रेल-रोड ब्रिज के निर्माण को स्वीकृति दी है।

इससे पहले उन्होंने परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि काशी के लिए आज का दिन, बहुत ही शुभ है। बाबा के आशीर्वाद से अभी यहां हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें देश और यूपी के विकास की, उसको नई ऊंचाई देने वाले प्रोजेक्ट भी हैं। उन्होंने सारनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध की उपदेश भूमि है। प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत और समापन नम: पार्वती पतये… हर-हर महादेव के जयकारे के साथ की।

काशी ये सिखाती है कि समाज तभी समृद्ध होगा, जब नारी सशक्त होगी

प्रधानमंत्री ने कहा यहां साक्षात शिव भी माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगते हैं। यानी काशी ये सिखाती है कि समाज तभी समृद्ध होगा, जब नारी सशक्त होगी। इसी भावना से हमने विकसित भारत के हर संकल्प में नारी शक्ति को केंद्र में रखा है। जैसे पीएम आवास योजना ने करोड़ों महिलाओं को उनके अपने घर की सौगात दी है। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां बनारस की महिलाओं को भी मिला है। करोड़ों महिलाओं को मुद्रा लोन देकर उन्हें व्यापार करने की सहूलियत दी गई है।

 

आखिर वो कौन सी मानसिकता है, जिसके चलते पहले काशी को विकास से वंचित रखा गया?

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी काशी बहुरंगी सांस्कृतिक नगरी है। यहां भगवान शंकर का पावन ज्योतिर्लिंग, मणिकर्णिका जैसा मोक्ष तीर्थ, सारनाथ जैसा ज्ञान स्थल है। दशकों-दशक बाद बनारस के विकास के लिए इतना काम एक साथ हो रहा है। वरना काशी को तो जैसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया था। इसलिए आज मैं हर काशीवासी के सामने एक सवाल उठा रहा हूं। आखिर वो कौन सी मानसिकता है, जिसके चलते पहले काशी को विकास से वंचित रखा गया?

10 साल पहले की स्थिति याद करिए। बनारस को विकास के लिए तरसाया जाता था। जिन लोगों ने यूपी में लंबे समय तक सरकारें चलाईं, जो लोग दिल्ली में दशकों तक सरकार में बैठे रहे, उन्होंने कभी बनारस की परवाह क्यों नहीं की? इसका जवाब है- परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति। कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी ऐसे दलों के लिए बनारस का विकास न पहले प्राथमिकता में था, न भविष्य में कभी होगा।

बनारस की प्रगति देखकर मुझे संतोष होता है

बनारस का सांसद होने के नाते भी जब यहां की प्रगति देखता हूं, तो संतोष होता है। काशी को शहरी विकास की मॉडल सिटी बनाने का सपना तो हम सभी ने साथ मिलकर देखा है। एक ऐसा शहर जहां विकास भी हो रहा है और विरासत भी संरक्षित हो रही है। आज काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ के भव्य और दिव्य धाम से होती है। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से होती है। काशी की पहचान रिंग रोड और गंजारी स्टेडियम जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से होती है।

 

300 बेड के अस्पताल में 300 किमी तक के लोगों को मिलेगी रोशनी

वाराणसी। काशी में 300 बेड के आरजे झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल के खुलने के बाद 300 किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले लोगों के आंखों को नई रोशनी मिलेगी। यहां समय-समय पर कैंप लगाकर आंखों की स्क्रीनिंग, जांच और इलाज भी किया जाएगा। शहर से लेकर गांव तक बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों की जांच के लिए मोबाइल क्लीनिक वैन भी घूमती रहेगी। शंकरा आई फाउंडेशन की आधारशिला दिसंबर 2022 में रखी गई थी और 22 महीने बाद इसका उद्घाटन किया गया। यह देश का 14वां अस्पताल है।

 

आने वाले दिनों में पूर्वांचल में प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़ के साथ ही झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और बिहार तक इसका विस्तार करने की तैयारी चल रही है। फाउंडेशन की ओर से 300 किलोमीटर तक रहने वालों के जांच, इलाज की कार्ययोजना बनाई गई हैं। फाउंडेशन के हेड मार्केटिंग नरेंद्र मराठे ने बताया कि काशी में खुले इस हॉस्पिटल की ओर से उद्घाटन से पहले आसपास के गांवों में चलाए गए अभियान के दौरान 1000 लोगों ने पंजीकरण करवाकर जांच की सुविधाओं का लाभ भी उठाया। साथ ही 200 लोगों की स्क्रीनिंग भी की जा चुकी है।

छह दिन 9 घंटे, एक दिन चार घंटे ओपीडी

शंकरा आई हॉस्पिटल में सोमवार से शनिवार हर दिन 9 घंटे (सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक) की ओपीडी चलाई जाएगी। जबकि रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक यानी 4 घंटे तक ओपीडी चलेगी। आंखों की सर्जरी आदि की सुविधाएं 21 अक्तूबर के बाद शुरू होंगी। डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल के फोन नंबर 0542-3506789 पर ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकेंगे। अस्पताल के सीएमओ डाॅ. सप्त गिरीश के नेतृत्व में छह डॉक्टर और 100 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों की सेवा में रहेंगे।

 

300 होगी ओपीडी फीस, एआई आधारित तकनीक से जांच

डॉक्टर को दिखाने के लिए लोगों को 300 रुपये ओपीडी फीस देनी होगी। फाउंडेशन के मार्केटिंग हेड नरेंद्र मराठे ने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर आधारित मशीनों से स्क्रीनिंग की जाएगी।

पांच जीआई क्राफ्ट से प्रधानमंत्री का हुआ अभिनंदन

सिगरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत पांच जीआई उत्पाद भेंट करके किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी की जनता की तरफ से जीआई क्राफ्ट देकर सम्मान किया। जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि काशी के पांच जीआई क्राफ्ट को भेंट किया गया। स्पोर्ट्स मोमेंटो में शामिल बैट, बाॅल, फुटबॉल और हॉकी पर सोनू कुमार और संजय कसेरा ने नक्काशी की थी।

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