गाय, भैंस, बकरी, कुत्ता, घोड़ा, खच्चर, मुर्गी सहित अन्य पालतू पशुओं की होगी गणना
पशुओं की गणना के लिए द्वितीय चरण का दिया गया प्रशिक्षण
रीवा अनिल सिंह उर्फ राजू. केन्द्र सरकार द्वारा हर 5 वर्ष में पशु संगणना का कार्यक्रम कराया जाता है। इस वर्ष रीवा और मऊगंज दोनों जिलों की पशु संगणना अलग-अलग होगी। 21वीं पशु संगणना के लिए तैनात रीवा जिले के सुपरवाइजर एवं प्रगणकों को द्वितीय चरण का प्रशिक्षण गत दिवस टीआरएस कालेज में दिया गया। इस पशु संगणना की खास बात यह है कि गणना पूरी तरह से टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी। पशु संगणना प्रगणक एवं सुपरवाइजर के माध्यम से कराई जाएगी।
संयुक्त संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ राजेश मिश्रा ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि भारत सरकार के द्वारा तैयार की गई गाइडलाइन के आधार पर शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में पशु संगणना का कार्यक्रम कराया जाएगा। जिसमें प्रत्येक ग्रामीण प्रगणक के द्वारा तीन हजार घरों में और शहरी क्षेत्र में चार हजार घरों में पशुओं की गणना की जाएगी। गणना के लिए रीवा जिले में 147 प्रगणक और 29 सुपरवाइजर्स को तैनात किया गया है। इसी तरह मऊगंज जिले में 52 प्रगणक व 10 सुपरवाइजर्स की ड्यूटी लगाई गई है। पशु संगणना का कार्यक्रम भारत सरकार की गाइडलाइन द्वारा चरणबद्ध एवं नियत तिथि में ही कराया जाएगा।
संयुक्त संचालक ने बताया कि पशु संगणना में सभी पालतू पशुओं को सम्मिलित किया गया है। जिसमे गौवंश, भैंस वंश, बकरी, कुत्ता, गधा, घोड़ा, खच्चर, मुर्गी आदि की गणना नस्लवार की जाएगी। संयुक्त संचालक द्वारा पशुपालकों से अपील की गई है कि वे राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम 21वीं पशु संगणना में अपना अमूल्य सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाएं।