बाल विवाह मुक्त अभियान का सीतामढ़ी में जिलाधिकारी ने बाल विवाह के खिलाफ़ जन जागरूकता हेतु पोस्टर लांच कर किया शुभारंभ
सीतामढ़ी विशाल समाचार संवाददाता: देश को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए बुधवार को एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा की गई है . सीतामढ़ी जिला में बाल विवाह मुक्त अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी रिची पांडेय के द्वारा बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ जन जागरूकता हेतु पोस्टर लांच कर किया गया है।उक्त अवसर पर वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई, सीतामढ़ी मो. नजीब अनवर, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई लाल कृष्ण राय , विधि सह परिविक्षा अधिकारी अब्दुल रहीम , एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के वरिष्ठ स. प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी शामिल थे । गौरतलब है कि बाल विवाह जैसी कुरीतियों को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए डीएम रिची पांडेय के निर्देश के अनुपालन में निरंतर सीतामढ़ी जिला में सार्थक प्रयास व अनूठी पहल किया जा रहा है। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश को बाल विवाह मुक्त बनाने पर केंद्रित है। यह अभियान विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए लड़कियों और महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य साबित होगा। देश में पिछले कुछ वर्षों में बाल मृत्यु दर, जन्म लिंग अनुपात कम करने और सभी स्तरों पर लड़कियों के नामांकन को बढ़ावा देने में सफलता मिली है। हालांकि, बाल विवाह की कुरीति अभी भी व्याप्त है। यह मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे खराब स्वरूप है। ठोस प्रयासों के बावजूद आज भी लगभग पांच में से एक लड़की का विवाह विधि सम्मत आयु 18 वर्ष से पहले कर दिया जाता है। बाल विवाह मुक्त अभियान देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण के सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। यह प्रगतिशील और समतापूर्ण समाज सुनिश्चित कर हर बच्चे की क्षमता को पूर्णता से साकार करेगा। बाल विवाह निषेध अधिनियम पुरुषों के लिये न्यूनतम 21 वर्ष एवं लड़की के लिए 18 वर्ष निर्धारित करता है। बाल विवाह शिक्षा , स्वास्थ्य और बचपन पर नकारात्मक प्रभाव डालता हैं। बाल विवाह निषेध अधिनियम के अन्तर्गत आर्थिक दंड के साथ कारावास की सजा का भी प्रावधान है। मौके पर शिव शंकर ठाकुर, शिव पुजन कुमार, रोविन कुमार आदि उपस्थित थे।