सदाबहार रिश्तों का वास्तविक जादू
पुणे :138 वर्षों से अधिक समय से, कोका-कोला खुशी और ताजगी का प्रतीक बना हुआ है, जो विभिन्न देशों और पीढ़ियों के लोगों को साथ में जोड़ता है। 1993 में भारत में अपने आगमन के बाद से, हमेशा लोगों के जेहन में रहने वाला लाल और सफेद रंग का लोगो उनकी रोजाना की जिंदगी और उनके यादगार पलों का हिस्सा बन चुका है। क्रिकेट की खुशियों और संगीत समारोह से लेकर रोजमर्रा के मुस्कुराहट के पलों तक कोका-कोला खुद को भारत के ताने-बाने में पिरोने में सफल रही है और अब यह पूरे देश में जश्न का हिस्सा बन चुका है।
पड़ोस में होने वाले एक त्योहारी उत्सव की कल्पना करें, जो रोशनी और हंसी के पलों से भरपूर है, या फिर एक क्रिकेट मैच जहां हर खुशी के मौके पर कोक की बोतल को खोले जाने की क्लासिक ध्वनि सुनाई देती है। अब एक शादी की कल्पना करें, जहां ठंडी बोतल एक साझा दावत का हिस्सा बन जाती है। वहीं, कॉलेज के दोस्तों का एक समूह अपने कॉलेज की कैंटीन में कोका-कोला पीते हुए, अपनी-अपनी कहानियां शेयर करता है। ये सिर्फ यादें नहीं हैं; ये वह अनुभव हैं जिन्होंने ताजगी के लिए अपने साझा प्यार के माध्यम से भारत की समृद्ध विविधता, संस्कृति और लोगों के साथ कोका-कोला के संबंध को विकसित किया है।
इन संबंधों को कोका-कोला के प्रतिष्ठित पोर्टफोलियो से मजबूती मिली है, जो अपने उपभोक्ताओं की तरह-तरह की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकल्प प्रदान करता है। अपनी क्लासिक पेशकशों से लेकर कोक जीरो और डाइट कोक जैसे मौजूदा विकल्पों तक, ब्रांड हर किसी के लिए कुछ न कुछ पेश करता है। ताजगी से परे, कोक स्टूडियो भारत और कोक स्टूडियो तमिल जैसी पहलों के माध्यम से, कोका-कोला भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जश्न मनाता है और देश के विविध क्षेत्रों की कहानियों और संगीत को सामने रखता है। दिलजीत दोसांझ जैसे कलाकारों के साथ सहयोग ब्रांड को परिभाषित करने वाली रचनात्मकता और सबको अपने साथ जोड़ने की भावना को आगे लेकर जाता है।
कोका-कोला कंपनी के भारत और दक्षिण पूर्व एशिया ऑपरेटिंग यूनिट के मार्केटिंग के सीनियर डायरेक्टर कौशिक प्रसाद ने कहा, “तीन दशकों से, कोका-कोला भारत की परिवर्तनकारी विकास यात्रा और हमारी समृद्ध विविधता के उत्सव का एक गौरवशाली साथी रहा है। हमने हमेशा भारत के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देने की कोशिश की है, हम लोगों के रोजाना के एक साथ रहने के पलों को बेहतर बनाते हैं फिर चाहे वह कोक की ठंडी बोतलों के साथ दोपहर हो या किसी दोस्त के साथ स्वादिष्ट भोजन या परिवार के साथ छुट्टियों का जश्न। हमार मानना है कि असली जादू किसी भी समय अपने प्रियजनों के साथ मिलने में आता है।”
भारत अपने सबसे उज्ज्वल वर्षों की ओर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में लोगों के बीच रिफ्रेशमेंट और मायने रखने वाले क्षणों की मांग भी बढ़ने वाली है। कोका-कोला इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, कंपनी इन क्षणों में मौजूद “असली जादू” में विश्वास करते हुए, मार्वल मैश-अप जैसे वैश्विक सहयोग के माध्यम से लगातार इनोवेशन को अपना रही है। कोका-कोला उन क्षणों का हिस्सा बनने के लिए समर्पित है जो हमारे लिए मायने रखते हैं – एक समय में एक बोतल, एक कनेक्शन और एक उत्सव।