लखनऊ

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के निर्देशों के क्रम में आयोजित की जा रही है किसान गोष्ठी

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के निर्देशों के क्रम में आयोजित की जा रही है किसान गोष्ठी

औद्यानिक मिशन योजना के तहत संरक्षित खेती प्रोत्साहन हेतु किसान गोष्ठी आयोजित 

संरक्षित खेती के माध्यम से किसान न्यूनतम संसाधनों में अधिकतम उत्पादन कर सकते हैं – मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन

 

विशाल समाचार संवाददाता लखनऊ

 

प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह द्वारा उद्यान अधिकारियों को किसानों को प्रदेश सरकार की योजनाओं से अवगत कराने हेतु किसान गोष्ठिया आयोजित की जा रही है। इसी के अंतर्गत औद्यानिक मिशन योजना के अंतर्गत संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राम देवरी रुखारा, बीकेटी विकासखंड में विशेष किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।

 

विशेष किसान गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि संरक्षित खेती के माध्यम से किसान न्यूनतम संसाधनों में अधिकतम उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को नई तकनीकों को अपनाने और अपने कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसान भाई सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं और उद्यान विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता का लाभ लें। उन्होंने कहा कि जिले में खेती की उन्नति और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

 

मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और सब्सिडी योजनाओं के बारे में बताया कि सहकारिता विभाग से एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत किसानों को पॉलीहाउस की स्थापना पर 3 प्रतिशत दर से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उद्यान विभाग द्वारा पॉलीहाउस की स्थापना हेतु 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। एक किसान को अधिकतम 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक ही अनुदान दिया जा सकता है।

 

गोष्ठी में उद्यान विभाग के उप निदेशक डीके वर्मा ने संरक्षित खेती की विभिन्न विधियों जैसे पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस और मल्चिंग की जानकारी दी। साथ ही, टपक सिंचाई और स्प्रिंकलर जैसी जल प्रबंधन तकनीकों का महत्व भी समझाया गया। उन्होंने किसानों को बताया कि इन तकनीकों के इस्तेमाल से फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। गोष्ठी में संरक्षित खेती के अंतर्गत उगाई जा सकने वाली लाभकारी फसलों जैसे टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, और फूलों की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

 

इस अवसर पर एलडीएम मनीष पाठक, खंड विकास अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, पॉलीहाउस के प्रगतिशील किसान उदय प्रताप सिंह, विकास खंड के बैंकों के शाखा प्रबंधक, एफपीओ, पॉलीहाउस निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित गोष्ठी में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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