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रेडी रेकनर की दरों में वृद्धि का अग्रवाल मारवाडी चेंबर का कड़ा विरोध : राजेश अगरवाल

रेडी रेकनर की दरों में वृद्धि का अग्रवाल मारवाडी चेंबर का कड़ा विरोध : राजेश अगरवाल

 

रेडी रेकनर दरों की हर पांच वर्षों में की जाए समीक्षा; कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय को दिया जाए उद्योग का दर्जा

 

पुणे :  आज देश भर में जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। साथ ही स्टील, सीमेंट और निर्माण व्यवसाय के लिए लगने वाले सामान पर भारी जीएसटी के चलते घर खरीदना सामान्य और मध्यवर्ग के लिए केवल एक सपना ही बनकर रह गया है। इस स्थिति में रेडी रेकनर के दरों में लगभग १० से १५ प्रतिशत की वृद्धि करने पर महाराष्ट्र सरकार विचार कर रही है। ऐसा होने पर खुद का घर लेना मध्य वर्ग के लिए और भी मुश्किल हो जाएगा। इसलिए इस वर्ष सरकार रेडी रेकनर के दरों में कोई वृद्धि ना करें तथा स्टाम्प ड्यूटी में ५० प्रतिशत की छूट दी जाए, ऐसी मांग अग्रवाल मारवाडी चेंबर आॅफ काॅमर्स इंडस्ट्रीज अंन्ड एज्युकेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश अगरवाल ने की है।

इसके साथ ही कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय को केंद्र सरकार की ओर से उद्योग का दर्जा दिया जाए तथा कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय को लगने वाले सभी परमिशन एक ही जगह पर जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए। इससे देश के कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय को एक नयी ऊर्जा प्राप्त हो सकती है, ऐसी जानकारी भी राजेश अगरवाल ने दी।

राजेश अगरवाल ने आगे बताया कि, आज निर्माण क्षेत्र में लगने वाली विभिन्न सामग्री सीमेंट, लोहे और अन्य वस्तूओं सरकार द्वारा पर भारी मात्रा में जीएसटी लगाया गया है, जिसे कम करने की काफी जरुरत है। इन वस्तूओं पर केवल ५ प्रतिशत ही जीएसटी होना चाहिए। जिससे घरों की कीमतों में कुछ हद तक ग्राहकों को राहत मिल सकती है और घरों की खरीद में इजाफा हो सकता है, जिसके चलते हर एक व्यक्ति को उसका खुद का घर मिलने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जो प्रयास है, उसे और गति मिल सकती है।

घर खरीदने पर जनता को आज स्टाम्प ड्यूटी अलग से भरनी पड़ती है, जिसका बोझ बड़ी मुश्किल से घर खरीदने वाले आम जनता पर पड़ता है। ऐसी स्थिती में लोगों के घरों का सपना पूरा कैसे हो सकता है? इस वास्तविकता को देखते हुए सरकार को चाहिए कि, इस वर्ष रेडी रेकनर के दरों में कोई वृद्धि ना करें। इसके साथ ही कम से कम पांच वर्षों तक इन दरों में वृद्धि ना की जाए तथा हर पांच वर्ष के पश्चात इसमें मात्र पांच प्रतिशत की ही वृद्धि की जाए, ऐसी मांग राजेश अगरवाल ने रखी।

निर्माण व्यवसाय को दिया जाए उद्योग का दर्जा

आज देश में निर्माण व्यवसाय एक प्रमुख व्यवसाय बन गया है। देश की जीडीपी में बड़ा योगदान देने के साथ-साथ रोजगार दिलाने में यह व्यवसाय काफी अहम रोल अदा करता है। ऐसे महत्वपूर्ण व्यवसाय को उद्योग का दर्जा दिलाना आज काफी जरुरी हो गया है। अग्रवाल मारवाडी चेंबर पीछले कई वर्षों से यह मांग बार-बार उठाता रहा है। निर्माण व्यवसाय को उद्योग का दर्जा देने से इस व्यवसाय में और भी ज्यादा वृद्धि होगी और देश के करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

 

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