
सैफई मे क्लिनिकल प्रैक्टिसेज इन ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन पर एकदिवसीय सीएमई
विशाल समाचार संवाददाता इटावा
सैफई (इटावा): उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन तथा इण्डियन सोसाइटी आफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के तत्वावधान में क्लिनिकल प्रैक्टिसेज इन ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन पर एक दिवसीय सतत् चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया। इस सीएमई में डा0 प्रसून भट्टाचार्या, विभागाध्यक्ष ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, जीएमसी, कोलकाता, डा0 अनुपम वर्मा एवं डा0 भरत सिंह, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एसजीपीजीआई, लखनऊ मुख्य वक्ता रहे। इस सतत् चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) पी0के0 जैन ने किया तथा इस अवसर पर प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, संकायाध्यक्ष डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव डा0 चन्द्रवीर सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा0 एसपी सिंह, आग्र्रेनाइजिंग चेयरमैन डा0 आदित्य शिवहरे, आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डा0 अरविन्द कुमार सिंह, कोआर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डा0 अभय सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन डा0 श्वेता चैधरी, साइन्टिफिक कमिटी से डा0 यतेन्द्र मोहन एवं डा0 ज्योतिकला भारती, टेक्निकल आफिसर नीरज सिंह, डा0 नवरत्न सिंह, सुनील कुमार स्वामी, राकेश कुमार मीणा, मोहम्मद सलमान सिद्दकी, ब्रजेश कुमार यादव, अनिल कुमार गौतम, भावना गौतम तथा डाटा इन्ट्री आपरेटर कपिल दूबे तथा विभाग के सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट के अलावा तकनीकी एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे।
साइंटिफिक पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन में डा0 अनुभव गौतम प्रथम, डा0 मनीष रतौरी द्वितीय तथा डा0 चित्रा चैहान ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं पोस्टर मेकिंग कम्पटीशन में तानिया चैहान प्रथम, मोनिका दिवाकर व रवजीत कौर द्वितीय, तथा जमीर खान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) पी0के0 जैन ने सभी को सम्मनित किया।
मुख्य वक्ता डा0 प्रसून भट्टाचार्या, विभागाध्यक्ष, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, जीएमसी, कोलकाता ने बताया कि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक किसी भी चिकित्सा संस्थान की रीढ़ होते हैं तथा यह सप्ताह के सातों दिन चौबीस घंटे मरीजों को सेवा प्रदान करते हैं। इसका लक्ष्य समय पर सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला रक्त और रक्त उत्पाद उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन चिकित्सा विज्ञान की तेजी से उभरती हुई ब्रांच है।
डा0 अनुपम वर्मा एवं डा0 भरत सिंह, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एसजीपीजीआई, लखनऊ ने बताया कि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन चिकित्सा शिक्षा की उभरती ब्रांच है। इसके महत्व को कोविड-19 के समय में बेहतर तरीके से समझा गया। किसी भी आप्रेशन थियेटर में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन का रोल बेहद अहम हो जाता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) पी0के0 जैन ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा, सुरक्षित रक्त तक समान पहुॅच और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा मानकों के साथ तालमेल के लक्ष्य को देश के लगभग सभी ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक ने पूरा कर रखा है जो देश के लिए बेहद गर्व की बात है। इसके अलावा आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र के सभी विभागों के सहयोग एवं प्रयास से रक्त केन्द्रों को और भी सशक्त बनाया जा सकता है।
आग्र्रेनाइजिंग चेयरमैन डा0 आदित्य शिवहरे ने बताया कि इस सीएमई का मुख्य उद्देश्य ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन में क्लिनिक क्षमता के ज्ञान को बढ़ाना है। इसके साथ ही ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन में हो रहे नवीनतम प्रगति की गहरी समझ विकसित करना भी है। सक्रिय भागीदारी के लिए इसमें प्रतिभागियों के लिए पोस्टर प्रजेन्टेशन व प्रश्नोत्तर सेशन भी रखा गया।