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पुणेकरों को कैनेडियन वुड के एजुकेशनल सेमिनार में क्रिएटसिटी और एफएफएससी के सहयोग से सस्टेनेबल वुड सॉल्यूशंस का हाथों-हाथ डेमो देखने क अवसर मिला

पुणेकरों को कैनेडियन वुड के एजुकेशनल सेमिनार में क्रिएटसिटी और एफएफएससी के सहयोग से सस्टेनेबल वुड सॉल्यूशंस का हाथों-हाथ डेमो देखने क अवसर मिला

 

 

 

पुणे:  कैनेडियन वुड नाम से मशहूर ब्रिटिश कोलंबिया (बी.सी.) प्रांत की क्राउन कॉर्पोरेशन कंपनी फॉरेस्ट्री इनोवेशन कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफआईआई इंडिया) ने पुणे में एक एजुकेशनल सेमिनार और लाइव डेमो आयोजित किया। ‘कैनेडियन वुड – द सस्टेनेबल सॉल्यूशन एंड ए लाइव डेमो बाय एक्सपर्ट कारपेंटर’नामक सेमिनार पुणे में इसका दसवां सेमिनार था लेकिन व्यावहारिक अनुप्रयोग और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक अनूठे प्रारूप के साथ। इस बार यह सेमिनार क्रिएटसिटी और फर्नीचर एंड फिटिंग्स स्किल काउंसिल (एफएफएससी) के सहयोग से आयोजित हुआ और इसमें व्यावहारिक सीखने पर अधिक ध्यान दिया गया।

इस कार्यक्रम में आर्किटेक्ट्स, डिजाइनर्स और वुडवर्किंग के शौकिनों को कैनेडियन वुड के फायदे और सस्टेनेबल वुड डिजाइनिंग के बारे में जानकारी दी गई। सेमिनार को दो भागों में बांटा गया – पहला ज्ञानवर्धक सत्र और दूसरा लाइव डेमो सत्र।

 

पहले सत्र में कैनेडियन वुड के विशेषज्ञों ने प्रस्तुति दी। इनमें प्रणेश छिब्बर (कंट्री डायरेक्टर), डॉ. जिमी थॉमस (असिस्टेंट डायरेक्टर – टेक्निकल सर्विसेज) और गजानन पाटणकर (असिस्टेंट डायरेक्टर – बिजनेस डेवलपमेंट) शामिल थे। उन्होंने सस्टेनेबल कैनेडियन वुड के इतिहास, इसके लाभ और इसके उपयोग के बारे में बताया।

 

इसके बाद क्रिएटसिटी के सीईओ डॉ. महेश एम और एफएफएससी के सीईओ राहुल मेहता ने अपने विचार साझा किए। डॉ. महेश ने इस सहयोग को डिजाइन क्षेत्र में ज्ञान और कौशल को बढ़ावा देने का एक अहम कदम बताया, जबकि राहुल मेहता ने सस्टेनेबिलिटी और कारीगरी के महत्व पर बात करते हुए एफएफएससी के कौशल विकास फोकस पर ध्यान केंद्रित किया। इसके बाद हुए प्रश्नोत्तर सत्र में उपस्थित लोगों को वक्ताओं से सीधे जुड़ने और अपने खास सवालों के जवाब पाने का मौका मिला।

 

दूसरे सत्र में एक लाइव डेमो हुआ, जिसमें एक विशेषज्ञ कारपेंटर ने कैनेडियन वुड की पांचों क़िस्मों और मशीनरी का उपयोग करके फर्नीचर बनाने के बुनियादी तरीके दिखाए। कैनेडियन वुड की कार्यक्षमता और व्यावहारिकता को उजागर करने वाला यह सत्र काफी इंटरएक्टिव था और इसमें उपस्थित लोग व्यावहारिक तौर पर भी सीख पाए।

कैनेडियन वुड के कंट्री डायरेक्टर प्रणेश छिब्बर ने कहा, ‘आजकल लकड़ी को न सिर्फ सुंदरता के लिए, बल्कि एक सस्टेनेबल और पर्यावरण मित्र विकल्प के रूप में भी महत्व दिया जा रहा है। यह सोच में बदलाव को दर्शाता है। कैनेडियन वुड जिम्मेदार उपभोग को बढ़ावा देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि हम जितना लेते हैं, उससे कहीं ज्यादा प्रकृति को वापस करें। अपने कुशल आर्किटेक्ट और निर्माताओं के साथ सॉलिड वुड के आधुनिक उपयोग में सबसे आगे है। हम विशेषज्ञता साझा करने, कौशल बढ़ाने और टिकाऊ तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। उद्योग की सकारात्मक प्रतिक्रिया लकड़ी के काम में सस्टेनेबिलिटी और नवीनता की ओर बढ़ते कदम को दर्शाती है।’

 

छिब्बर की बात का समर्थन करते हुए क्रिएटिसिटी के सीईओ डॉ. महेश एम ने कहा,’यह सहयोग समान विचारधारा वाले संगठनों का एक साथ आना है ताकि सॉलिड वुड की असीमित संभावनाओं को उजागर किया जा सके। पुणे में 18 वर्षों के अनुभव के साथ, खुदरा विक्रेताओं, निर्माताओं और डिजाइनरों के साथ मिलकर काम करते हुए, हमने कैनेडियन वुड को न सिर्फ एक ब्रांड के रूप में, बल्कि सॉलिड वुड को एक अहम मटेरियल के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक आंदोलन के रूप में प्रदर्शित करने का एक अवसर माना है। हमें पूरा यकीन है कि कैनेडियन वुड की असली ताकत आने वाले वक्त में और बढ़ेगी, और हम इसे एक अहम बदलाव लाने की शुरुआत मानते हैं। क्रिएटसिटी में हम मानते हैं कि इस मंच से कैनेडियन वुड की बेहतरीन क्वालिटी, उसकी अलग-अलग खूबियों और उसमें छुपी क्रिएटिविटी लोगों को पता चलेगी।’

एफएफएससी के सीईओ श्री राहुल मेहता ने कहा, ‘कैनेडियन वुड के साथ हमारी सालों की साझेदारी अब सिर्फ़ मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कौशल विकास भी शामिल है। हमारा एक ही मकसद है – भारत में लकड़ी के इस्तेमाल और इसकी अपार संभावनाओं के बारे में जो जानकारी की कमी है, उसे दूर करना। फर्नीचर फिटिंग काउंसिल के जरिए, हम कई तरह की पहलों को सपोर्ट करते हैं – प्रोजेक्ट्स के लिए रॉ मटीरियल की उपलब्धता से लेकर ख़ास ट्रेनिंग प्रोग्राम्स तक, जो प्रोफेशनल्स को डिजाइन, प्रोडक्शन और बिजनेस डेवलपमेंट में प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाते हैं। हमारी सेमिनार्स कैनेडियन वुड के बारे में गलतफहमियां दूर करने में, इसकी टिकाऊपन और अलग-अलग इस्तेमाल को सामने लाने में अहम रोल निभाती हैं। फर्नीचर इंडस्ट्री में मौजूद अनगिनत मौकों के बारे में जागरूकता फैलाकर, हम दिखाना चाहते हैं कि कैसे हाथों से और मशीनों की मदद से की गई कारीगरी न सिर्फ लोगों के करियर बदल रही है, बल्कि बेरोजगारी को भी कम कर रही है।’

 

देश भर से उद्योग जगत की पूरी भागीदारी के साथ इस सेमिनार को उपस्थित लोगों ने खूब सराहा। सैद्धांतिक ज्ञान और हाथों-हाथ अनुभव लेने के मिश्रण को विशेष रूप से पसंद किया। सेमिनार ने डिजाइन में टिकाऊ तरीकों के महत्व को प्रभावी ढंग से उजागर किया और कैनेडियन वुड को एक व्यवहार्य और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।

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