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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने इंडिया एनर्जी वीक (भारत ऊर्जा सप्ताह) 2025 में सतत गतिशीलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने इंडिया एनर्जी वीक (भारत ऊर्जा सप्ताह) 2025 में सतत गतिशीलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया

 

पुणे: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज 11 से 14 फरवरी 2025 के दौरान दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में अपनी भागीदारी दर्ज की। इसके तहत कंपनी ने 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता और 2070 तक नेट जीरो के लिए भारत के दर्शन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इंडिया एनर्जी वीक – (भारत ऊर्जा सप्ताह, आईईडब्ल्यू) 2025 ऊर्जा आत्मनिर्भरता को साकार करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए व्यावहारिक और स्केलेबल स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करता है। यह कार्यक्रम वैश्विक राजनीतिक नेताओं, नीति निर्माताओं, विचारकों, विशेषज्ञों और अंतिम उपयोगकर्ताओं को ऊर्जा परिदृश्य, प्रौद्योगिकियों, उद्योग के रुझानों और नीति दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाता है।

 

स्वदेशी हरित ऊर्जा से संचालित निरंतर जारी रहने वाली गतिशीलता समाधान प्रदान करने पर विशेष ध्यान देते हुए, टीकेएम ने अपने बहु-मार्ग दृष्टिकोण के अनुरूप विभिन्न वैकल्पिक पावरट्रेन प्रदर्शित किए। ये गति और पैमाने पर परिवर्तन लाने के लिए समय की आवश्यकता को दर्शाते हैं। कई हरित ऊर्जा मार्ग हैं जिनमें विद्युतीकरण और वैकल्पिक ईंधन शामिल हैं जो परिवहन क्षेत्र को जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने और कार्बन पदचिह्न को कम करने में मदद कर सकते हैं। भारत के ऊर्जा मिश्रण, इसके विविध उपभोक्ता प्रोफ़ाइल और ज़रूरतों, बुनियादी ढाँचे की तत्परता और सरकार की ‘आत्मनिर्भर’ होने की चाह को देखते हुए, टीकेएम ‘मेक इन इंडिया’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के लिए प्रासंगिक विभिन्न स्वच्छ तकनीकों को विकसित करने का प्रयास कर रहा है।

 

उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में, टोयोटा ने आईईडब्ल्यू में जो कुछ प्रदर्शित किया है वह निम्नलिखित को कवर करता है:

 

स्ट्रांग हाईब्रिड इलेक्ट्रीक व्हेकिल (मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन – एसएचईवी): इनोवा हाइक्रॉस (एसएचईवी) असाधारण रूप से कुशल हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम और ई20 अनुकूल होना प्रदर्शित करता है

फ्लेक्स-फ्यूल प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हेकिल प्रोटोटाइप (एफएफवी-पीएचईवी): प्रियस (एफएफवी-पीएचईवी) की विशेषता जो विद्युतीकरण और इथेनॉल (जैव ईंधन) के 100% तक उपयोग के दोहरे लाभ का मेल है, जिससे वेल-टू-व्हील आधार पर सबसे कम कार्बन फुटप्रिंट मिलता है

अर्बन बैटरी इलेक्ट्रिक व्हेकिल (बीईवी) अवधारणा: भविष्योन्मुखी डिजाइन और प्रदर्शन पर केन्द्रित एक ऑल इलेक्ट्रीक वाहन का प्रदर्शन करता है

फुएल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी): भविष्य के ईंधन के रूप में हाइड्रोजन द्वारा संचालित मिराई (एफसीईवी) पर प्रकाश डाला गया

इलेक्ट्रिक वाहन उप-प्रणाली: स्थानीय स्तर पर निर्मित ई-ड्राइव, सामान्य पावरट्रेन उप-प्रणाली जो सभी विद्युतीकृत वाहनों के अंदर जाती है

आगे बढ़ते हुए, भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि और नए वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी को देखते हुए, विद्युतीकृत वाहनों की पूरी रेंज के साथ-साथ वैकल्पिक ईंधन से चलने वाली प्रौद्योगिकियों सहित सभी स्वच्छ प्रौद्योगिकियां समय की मांग है। इस संदर्भ में, इथेनॉल एक स्वदेशी और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत होने के नाते भारत के लिए तत्काल लाभ की जबरदस्त क्षमता रखता है, क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन की खपत, ऊर्जा आयात बिल और कार्बन उत्सर्जन को काफी कम कर सकता है। कृषि आधारित होने के कारण, ईंधन के रूप में इथेनॉल का अधिक उपयोग किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा और नए रोजगार सृजित करेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के अलावा अधिशेष चीनी और खाद्यान्न से सरकार के लिए राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। सरकार ने हाल ही में पराली जैसे कृषि अवशेषों से इथेनॉल बनाने के लिए दूसरी पीढ़ी की तकनीक शुरू की है , जिसे वर्तमान में जला दिया जाता है

 

इस कार्यक्रम में उपस्थित, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कंट्री हेड और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट – कॉर्पोरेट मामले व प्रशासन, श्री विक्रम गुलाटी ने कहा, ” इंडिया एनर्जी वीक (भारत ऊर्जा सप्ताह) ऊर्जा, गतिशीलता और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वालों को एक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे जागरूकता पैदा होती है और स्वच्छ ऊर्जा तथा निरंतर जारी रहने वाली गतिशीलता के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। समग्र पर्यावरणीय प्रबंधन की अपनी खोज में, टोयोटा ग्लोबल एनवायरनमेंटल चैलेंज 2050 (टीईसी 2050) की घोषणा 2015 में की गई थी। इसका उद्देश्य बढ़ते कार्बन उत्सर्जन, पानी की कमी और जैव विविधता के नुकसान जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर काम करना था। ग्रह और समाज पर शुद्ध सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के सिद्धांत द्वारा निर्देशित, टीईसी 2050 स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए रणनीतियों को एकीकृत करता है ताकि वाहन उत्पादन से आगे संयंत्र संचालन और संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को डीकार्बोनाइज किया जा सके।टोयोटा में , हमारा दृढ़ विश्वास है

 

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