पूणे

भारत में ग्राहक सेवा के अंतर को कम करने के लिए AI की बढ़ती भूमिका, 80% उपभोक्ता चैटबॉट्स पर निर्भर

भारत में ग्राहक सेवा के अंतर को कम करने के लिए AI की बढ़ती भूमिका, 80% उपभोक्ता चैटबॉट्स पर निर्भर

सर्वेक्षण में 82% ग्राहकों ने कहा कि नए AI टूल्स ने ग्राहक सेवा को लेकर उनकी अपेक्षाएँ बढ़ा दी हैं

 

Pune: बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एआई (AI) प्लेटफॉर्म सर्विसनाऊ ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 80% भारतीय उपभोक्ता अब शिकायतों की स्थिति जानने, उत्पादों की सिफारिशें प्राप्त करने और सेल्फ-हेल्प गाइड तक पहुँचने के लिए एआई चैटबॉट्स का उपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हर छह में से पाँच व्यक्ति एआई टूल्स की मदद से अपनी समस्याओं का समाधान खोजने और उचित निर्णय लेने में सक्षम हो रहे हैं।

 

हालाँकि, एआई के बढ़ते उपयोग के बावजूद ग्राहक सेवा में प्रतीक्षा समय कम नहीं हुआ है। सर्विसनाऊ कस्टमर एक्सपीरियंस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उपभोक्ताओं ने पिछले वर्ष 15 अरब घंटे कॉल होल्ड पर बिताए। इससे यह स्पष्ट होता है कि एआई की क्षमताओं का पूरा लाभ अभी तक नहीं उठाया जा सका है।

 

भारत में एआई को लेकर बढ़ता भरोसा

 

रिपोर्ट के अनुसार, एआई अब भारतीय उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गया है। 84% उपभोक्ता खरीदारी के लिए एआई की मदद लेते हैं। यहां तक कि खाने के निर्णय को भी एआई प्रभावित करने लगा है। 82% लोग खाने-पीने के सुझावों के लिए एआई पर भरोसा करते हैं। 78% उपभोक्ता निवेश विकल्पों की जानकारी के लिए एआई चैटबॉट्स का उपयोग कर रहे हैं, जो एआई -आधारित वित्तीय निर्णय लेने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह भी एक बड़े बदलाव का संकेत देता है।

 

यह बदलाव बिजनेस के लिए एक बड़ा अवसर है कि वे एआई का उपयोग कर अपनी ग्राहक सेवा को तेज, पारदर्शी और प्रभावी बना सकते हैं। हालाँकि, सर्विसनाऊ की रिपोर्ट बताती है कि कंपनियाँ सप्ताह में केवल एक दिन ग्राहक की समस्याओं को हल करने में खर्च करती हैं, जबकि शेष चार दिन वे टीम्स से प्रतिक्रियाएँ लेने, प्रशासनिक कार्यों, प्रोमोशनल ऑफर्स, प्रशिक्षण और ब्रेक में खर्च कर देती हैं। ग्राहक सेवा अधिकारियों का अधिकतर समय ऐसे कार्यों में खर्च होता है, जिन्हें आधुनिक एआई समाधानों की मदद से तेज़ी से पूरा किया जा सकता है।

 

सर्विसनाऊ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सुमीत माथुर ने कहा, “भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की ओर बढ़ रहा है, जिससे बिजनेस के लिए असीमित अवसर पैदा हो रहे हैं। 82% ग्राहकों का मानना है कि नए एआई टूल्स ने उनकी ग्राहक सेवा की अपेक्षाएँ बढ़ा दी हैं। ऐसे में अब व्यवसायों के पास दो ही रास्ते हैं – या तो वे एआई को अपनाकर ग्राहक सेवा को तेज, व्यक्तिगत और कुशल बनाएँ, या फिर ग्राहकों की नाखुशी और प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने का जोखिम उठाएँ।”

 

धीमी सेवा का बड़ा नुकसान: 89% ग्राहक ब्रांड बदलने को तैयार

 

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि धीमी और गैर-प्रभावी ग्राहक सेवा के कारण 89% उपभोक्ता ब्रांड बदलने को तैयार हैं, जिससे स्पीड और दक्षता ब्रांड लॉयल्टी के लिए बेहद अहम हो गई है।

 

भारत में ग्राहक सेवा की धीमी गति अब कंपनियों के लिए महंगी साबित हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, यदि सेवा धीमी या संतोषजनक नहीं होती, तो 89% ग्राहक ब्रांड बदलने का फैसला कर सकते हैं। इसलिए ब्रांड लॉएल्टी के लिहाज से स्पीड और दक्षता बेहद अहम है। इसके अलावा, 84% ग्राहक खराब सेवा अनुभव के कारण सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहते हैं।

 

ग्राहक सेवा एजेंटों का मानना है कि एक सामान्य समस्या को हल करने में औसतन 30 मिनट का समय लगता है, लेकिन उपभोक्ताओं को यह प्रक्रिया औसतन 3.8 दिन लंबी महसूस होती है। यह अंतर इस ओर इशारा करता है कि भ्रमित प्रक्रियाएँ और सुस्त सिस्टम उपभोक्ताओं के अनुभव को प्रभावित कर रहे हैं।

 

ग्राहकों की तीन प्रमुख माँगें

 

रिपोर्ट में सामने आया कि ग्राहक सेवा से जुड़ी तीन मुख्य अपेक्षाएँ हैं—

 

49% उपभोक्ता चाहते हैं कि समस्याओं का समाधान तेजी से हो।

48% ग्राहकों को बेहतर प्रशिक्षित और योग्य सेवा एजेंट की जरूरत है।

46% उपभोक्ता चाहते हैं कि उन्हें होल्ड पर कम समय बिताना पड़े।

 

हालाँकि, पिछले वर्ष की तुलना में वेटिंग टाइम में केवल 5% की गिरावट आई है, लेकिन फिर भी 39% उपभोक्ता होल्ड पर लंबा इंतजार करने से असंतुष्ट हैं। इसके अलावा, 36% ग्राहक अलग-अलग विभागों में बार-बार ट्रांसफर किए जाने से परेशान हैं, जबकि 34% का मानना है कि कंपनियाँ जानबूझकर शिकायत दर्ज कराना मुश्किल बनाती हैं।

 

क्या ग्राहक सेवा एजेंट एआई को अपनाने के लिए तैयार हैं?

 

सर्विसनाउ के नवीनतम ग्राहक अनुभव शोध में 200 से अधिक भारतीय ग्राहक सेवा एजेंटों का सर्वेक्षण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासनिक बोझ और असंगठित सिस्टम समस्या के तेज समाधान में बाधक बन रहे हैं।

 

एक औसत कार्य सप्ताह में, ग्राहक सेवा एजेंट सिर्फ 16% समय वास्तविक समस्याओं को हल करने में बिताते हैं, जबकि शेष समय प्रशासनिक कार्यों, दस्तावेज़ीकरण और अन्य प्रक्रियाओं में चला जाता है।

 

रिपोर्ट बताती है कि ग्राहक सेवा को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एआई को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है, और भारतीय ग्राहक सेवा एजेंट भी इसे अपनाने के लिए तैयार हैं:-

 

52% एजेंटों का मानना है कि एआई उनके काम को अधिक प्रभावी बनाएगा और उन्हें ग्राहक सेवा और समस्या समाधान के लिए अधिक समय मिलेगा।

48% का मानना है कि एआई उनके कार्यभार को कम करेगा।

42% को लगता है कि एआई नई भूमिकाओं और करियर ग्रोथ के अवसर खोलेगा।

 

एआई: व्यवसाय की नई ताकत

व्यवसाय अब ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ एआई और मानव सहयोग की मदद से असाधारण दक्षता हासिल की जा सकती है। एजेंटिक एआई एक बड़ा बदलाव लाने वाला कारक होगा, जो उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने और ग्राहक संतुष्टि को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

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