
जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में हाइड्रोलिक संरचनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं: एम. के. वर्मा
रायसोनी कॉलेज, पुणे में विश्व जल दिवस मनाया गया
पुणे जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में हाइड्रोलिक संरचनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग जल सुरक्षा के लिए अधिक कुशल प्रणालियों को डिजाइन करने में मदद करता है, ऐसा मत सेंट्रल वॉटर अँड पॉवर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस), पुणे के वैज्ञानिक डी श्री एम. के. वर्मा, श्री एम. के. वर्मा ने व्यक्त किया।
वह विश्व जल दिवस के अवसर पर आईसीआई के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, पुणे के फोटोग्राफी क्लब द्वारा आयोजित “मॉडलिंग तकनीकों के माध्यम से जल संरचना और महत्वपूर्ण प्रदर्शन” पर एक विशेषज्ञ सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर रायसोनी कॉलेज के पुणे परिसर निदेशक डॉ. आर. डी. खराडकर, सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. एस.जी. बान और डॉ. ए.जी. डहाके सहित अन्य उपस्थित थे।
वैज्ञानिक डी श्री एम. के. वर्मा ने कहा, “जी. एच. रायसोनी कॉलेज के युवा इंजीनियरों द्वारा जल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने में दिखाए गए उत्साह को देखकर बहुत खुशी हुई। छात्रों को इस क्षेत्र में अभिनव समाधान खोजने और सतत विकास में योगदान देने की पहल करनी चाहिए। जल संसाधन प्रबंधन में आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्नत मॉडलिंग तकनीकों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए हाइड्रोलिक संरचनाओं पर उनकी विशेषज्ञता विकसित करना आवश्यक है। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल कमी के मद्देनजर करते हुए जल संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग में तकनिक को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
रायसोनी कॉलेज पुणे परिसर के निदेशक डॉ. आर. डी. खराडकर ने कहा कि विश्व जल दिवस हमें इस बहुमूल्य संसाधन की रक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। श्री एम. के. वर्मा ने हमारे छात्रों को हाइड्रोलिक संरचनाओं और मॉडलिंग तकनीकों के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान की, तथा उन्हें जल प्रबंधन में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए ज्ञान से लैस किया।
श्री रायसोनी एजुकेशन के अध्यक्ष श्री सुनील रायसोनी और रायसोनी एजुकेशन के कार्यकारी निदेशक श्री. श्रेयस रायसोनी और रायसोनी कॉलेज पुणे परिसर के निदेशक डॉ. आर. डी. खराडकर ने विद्यार्थियों और सिविल इंजीनियरिंग विभाग को बधाई दी।