सोयाबीन पर चक्रीय घुन का प्रबंध उपाय,विकास पाटिल कृषि निदेश (विस्तार और प्रशिक्षण)
महाराष्ट्र :सोयाबीन की फसल राज्य में व्यापक रूप से उगाई जाती है। पिछले वर्ष सोयाबीन की फसल चक्रीय घुन से ग्रसित पाई गई थी। इस साल प्रकोप तेज होता दिख रहा है। फसल की वृद्धि के प्रारंभिक चरणों में, घुन डंठल, टहनी या मुख्य तने पर दो समानांतर पायदान बनाता है और उसमें अंडे देता है।उपायों की योजना नहीं बनाने पर बड़े नुकसान होने की संभावना है। इस पृष्ठभूमि में, सोयाबीन सड़ने के किसी भी प्रकोप के मामले में, किसानों से निम्नलिखित उपायों की योजना बनाने का आग्रह किया जा रहा है।
चक्रवात के प्रकोप के कारण कीट ग्रसित पत्तियाँ सूख जाती हैं। ऐसे कीड़ों से ग्रसित पौधों, पत्तियों, शाखाओं को आंतरिक कीड़ों के साथ नष्ट कर देते। यदि इस विधि का प्रयोग 15 दिनों में दो बार किया जाए तो चक्रवात कीट से होने वाली क्षति कम हो जाती है।
चक्री भृंगों द्वारा अंडों को संक्रमित होने से बचाने के लिए शुरू में 5% नीम के अर्क का छिड़काव करें।
बुवाई के 30-35 दिन बाद एथियोन 50%, 30 मिली प्रति 10 लीटर या थायक्लोप्रिड 21.7 से. एस.सी 15 मिली प्रति 10 लीटर या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस। सी 3 मिली प्रति 10 लीटर या थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% लॅम्ब्डा सी २.५ ग्रा. 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।