
प्रगतिशील महाराष्ट्र में ‘बसपा‘ ही बहुजनों की राजनीतिक प्रतिनिधि पार्टी : डॉ. हुलगेश चलवादी
युगनायक जयंती महोत्सव का उत्साहपूर्वक समापन। बसपा का स्थापना दिवस मनाया गया
पुणे:प्रगतिशील महाराष्ट्र में केवल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ही बहुजनों का राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधित्व कर रही है। बहुजनों को शासक वर्ग बनाने का महामानवों का सपना पूरा करने के लिए बसपा प्रतिबद्ध है, ऐसा वक्तव्य पार्टी के प्रदेश महासचिव और पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन के मुख्य प्रभारी डॉ. हुलगेश चलवादी ने दिया।
बहुजन समाज पार्टी की स्थापना दिवस के अवसर पर पुणे जिला कार्यकारिणी की ओर से वडगाशेरी और पिंपरी में युगनायक छत्रपती शिवाजी महाराज, क्रांतिसूर्य ज्योतिराव फुले और भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में ‘युगनायक जयंती महोत्सव 2025’ का आयोजन किया गया था।
महोत्सव में राष्ट्रीय प्रबोधनकार राहुल दादा आण्विकर की भीमगीत प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस आयोजन में प्रदेश महासचिव और पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन प्रभारी डॉ. हुलगेश चलवादी, मान. रामचंद्र जाधव, मान. एडवोकेट संजीव सदाफुले, मान. अप्पासाहेब लोकरे, मान. रविंद्र चांदने (बामसेफ संयोजक, पश्चिम महाराष्ट्र), मान. अशोक रामटेके (सह संयोजक), मान. अशोक दादा गायकवाड (अध्यक्ष, पुणे जिला), मान. प्रविण वाकोडे (महासचिव, पुणे जिला), मान. सागर जगताप, मान. धम्मदिप लगाडे, मान. बंशी रोकडे, मान. अनिल त्रिपाठी, मान. परशुराम आरूणे, मान. महेश जगताप, मान. राम डावखर -सभी जिला प्रभारी और सागर जगताप, मनोज कसबे, शिवाजी वाघमारे, सुबोध कांबळे, पी.आर. गायकवाड, संतोष सोनावणे, किशोर अडागले, प्रभाकर खरात सहित प्रमुख पदाधिकारी, कार्यकर्ता और भीमसागर महोत्सव में बड़ी संख्या में सहभागी उपस्थित थे।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए डॉ. चलवादी ने कहा कि प्रस्थापित (मौजूदा) राजनीतिक दलों ने शोषितों, पीड़ितों, उपेक्षितों और वंचितों को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संसाधनों से हमेशा दूर रखा। लेकिन बसपा लगातार मेहनत कर रही है ताकि समाज के सबसे निचले तबके को विकास की ‘भीम धारा’ में शामिल किया जा सके।
पार्टी को और मजबूत बनाकर शोषितों की आवाज बुलंद करना समाज का दायित्व है, ऐसा आवाहन उन्होंने किया।
डॉ. चलवादी ने कहा कि संविधान की रक्षा करना बहुजन समाज के सामने एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य है। संविधान के कारण ही समाज में हमें सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिला है। अब ईवीएम को हटाकर संविधान पर हो रहे गुप्त हमलों को रोकने का समय आ गया है।
स्थानीय स्तर से यह कार्य प्रारंभ करने के लिए डॉ. चलवादी ने अपील की कि आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं (नगर निगमों) के चुनावों में पुणे समेत सभी महानगरपालिकाओं की सत्ता की चाबियां बसपा के हाथ में सौंपी जानी चाहिए।
छत्रपती शाहू, फुले और आंबेडकर के विचारों की विरासत को सहेजकर रखना प्रत्येक नागरिक की सामाजिक जिम्मेदारी है। बसपा का हर कार्यकर्ता इस कार्य में अग्रसर है, इसलिए इस सामाजिक आंदोलन को मजबूत समर्थन मिलना आवश्यक है, ऐसा विचार डॉ.चलवादी ने प्रकट किया।
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