
खिलाफ लिखोगे तो हर बार ऐसा होगा’, पत्रकारों को चाय पर बुलाया, फिर एसपी चैंबर में चप्पलों से पीटा, अब दे रहे हैं धमकी
रिपोर्ट आलोक कुमार तिवारी रीवा
Bhind Journalists News: मध्य प्रदेश की पुलिस ने पत्रकारों के साथ मारपीट की है। भिंड जिले के एसपी को पुलिस के खिलाफ खबरें लिखना और चलाना नागवार गुजरा। एसपी ने लगभग आधा दर्जन पत्रकारों को चाय पर बुलाया और फिर उनको अपने चैंबर में चप्पलों से पिटवाया।
भिंड: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर एमपी पुलिस ने पत्रकारों के साथ जमकर मारपीट की है। भिंड एसपी के चैंबर में पत्रकारों को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने पुलिस के खिलाफ अवैध रेत खनन और वसूली की खबरें प्रकाशित की थीं। इस घटना के बाद से पत्रकारों में डर का माहौल है। कई पत्रकारों ने तो भिंड जिला ही छोड़ दिया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के भिंड जिले में लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली एक गंभीर और निंदनीय घटना हुई है। पत्रकारों का कहना है कि पुलिस की सह पर जिले में रोड पर अवैध वसूली चल रही थी। आरोप है कि पुलिस के खिलाफ खबरें लिखने व चलाने पर एसपी असित यादव को मिर्ची लग गई। जिसके बाद एसपी ने पत्रकारों को अपने चैंबर में चाय पर बुलाया था। वहां पर पहले से मौजूद पुलिस अधीक्षक असित यादव, एडिशनल एसपी संजीव पाठक, सी एस पी दीपक तोमर, फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत, ऊमरी थाना प्रभारी शिव प्रताप सिंह, भारौली थाना प्रभारी गिरीश शर्मा, सिटी कोतवाली थाना प्रभारी बृजेंद्र सेंगर, देहात कोतवाली मुकेश शाक्य, बरौही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया, ए एस आई सत्यवीर सिंह साइबर सेल, इन सभी पुलिस वालों ने मिलकर पत्रकारों की चप्पलों से जमकर पिटाई की।
पत्रकारों को खबर न लिखने की धमकी दी
इतना ही नहीं पत्रकारों और उनके परिजनों को झूठे केसों मे फंसाने की धमकी भी दी। एसपी व थाना प्रभारियों की अभद्रता और मारपीट के बाद पीड़ित पत्रकारों ने अपना घर और जिला छोड़ दिया है। वे भोपाल पहुंचकर कर न्याय की मांग कर रहे हैं। पत्रकारों ने बताया कि एसपी असित यादव ने मारपीट करते हुए कहा कि जहां उंगली करनी है, करो अगर पुलिस के खिलाफ कुछ भी लिखा या दिखाया तो तुम्हारा हर बार यही हश्र होगा। मारपीट होने के बाद पीड़ित पत्रकारों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से शिकायती आवेदन देकर अपनी आपबीती बताई है। पुलिस ने एक पत्रकारों को फोन करके धमकी दी और खबर को डिलीट करने को कहा। सभी पत्रकारों में भय का माहौल है। पुलिस के खिलाफ लिखने व कहने की जिले के किसी पत्रकार की हिम्मत नहीं हो रही है
एक पत्रकार को जाति पूछकर पीटा
एक चैनल के रिपोर्टर का कहना है कि उनके घर को पुलिस ने रात में 12:00 बजे घेर लिया और उनका मोबाइल फोन छिनकर पुलिस वालों के खिलाफ जो भी सबूत थे उसे डिलीट कर दिया। एक दलित पत्रकार को जाति पूछ कर निर्ममता से पीटा है। बता दें कि इसके पहले भी बालाघाट मे RSS प्रचारक के साथ मारपीट के मामले में उस समय ये बालाघाट एसपी के पद से हटाए गए थे।