
अमेरिका की बयानबाज़ी पर भारत का सशक्त उत्तर—अब कोई हस्तक्षेप नहीं सहा जाएगा
डीएस तोमर मुख्य संवाददाता
नई दिल्ली , जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाक मुद्दे पर सोशल मीडिया के ज़रिए “शांति स्थापना” का दावा किया, तो यह भारत की संप्रभुता पर परोक्ष प्रहार के समान था। लेकिन यह वही भारत नहीं है जो किसी और के इशारे पर चलता था—यह नया भारत है, जो अपनी नीति, सामरिक हित और वैश्विक प्रतिष्ठा को सर्वोपरि मानता है।
ट्रंप के ट्वीट ने भले ही अमेरिका में घरेलू राजनीति के लिए बिंदु बटोरने का प्रयास किया हो, लेकिन भारत ने इसका उत्तर संयम, परिपक्वता और दृढ़ इच्छाशक्ति से दिया। विदेश मंत्रालय की चुप्पी ही इस बात का संकेत है कि भारत अब किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को मान्यता नहीं देता।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीमाओं पर हमारे सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाइयों ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से जवाब देता है। चाहे बात सिंधु जल संधि की हो या वैश्विक मंचों पर भारत के पक्ष की मजबूती से प्रस्तुति की—हर मोर्चे पर भारत आत्मनिर्भर, सशक्त और संप्रभु राष्ट्र के रूप में उभरा है।
इस समय आवश्यकता है राष्ट्रीय एकता की। देश की सुरक्षा और विदेश नीति जैसे गंभीर विषयों पर विपक्ष द्वारा की जा रही पोस्टरबाज़ी न केवल असंवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की सामूहिक चेतना को भी चोट पहुंचाती है। आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब देश की सीमाओं पर जवान मोर्चा संभाले हैं, तब एकजुटता ही राष्ट्रधर्म है।
भारत आज वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ ‘विश्वगुरु’ बनने की ओर अग्रसर है, और यह स्पष्ट कर चुका है कि वह शांति चाहता है—but never at the cost of honor. हमारे जल, थल, वायु और अंतरिक्ष बल पूरी तरह सक्षम हैं, और सरकार के नेतृत्व में देश हर संकट का डटकर सामना करने के लिए तैयार है।
भारत की स्पष्ट चेतावनी: अब कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं सहा जाएगा
अमेरिका की बयानबाज़ी पर भारत का सख्त रुख
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दुनिया को मिला संदेश
भारत अपनी संप्रभुता के फैसले स्वयं लेता है
विदेशी ट्वीट नहीं, अब राष्ट्रहित सर्वोपरि
विपक्ष से अपील: राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकजुट रहे
भारत—शांति चाहता है, पर सम्मान के साथ
जल, थल, वायु और अंतरिक्ष—हर मोर्चे पर हमारी बहादुर सेना तैयार
हर मोड़ पर जबाव देने के लिए खड़ी है
भारत के प्रधान मंत्री ने कहा अब समय है कि दुनिया समझे—भारत की नीति अब स्पष्ट है: हम हस्तक्षेप नहीं सहेंगे, आदेश नहीं लेंगे, और जो देश पर आँख उठाएगा, उसे माक़ूल उत्तर मिलेगा।