
इटावा में 30 लाख की ब्लैक मनी का महाघोटाला! प्रशासन और पुलिस की साठगांठ से भ्रष्टाचार को दी गई शह?
इटावा,यूपी: शिवराज सिंह राजपूत
इटावा जिले के वन विभाग में भ्रष्टाचार की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जो यह दर्शाती है कि किस तरह अफसरशाही, स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक साठगांठ मिलकर काले धन को संरक्षित करने का काम कर रही है। सूत्र बताते हैं कि
अप्रैल 2024: में 30 लाख की ब्लैक मनी बरामद, फिर भी कार्रवाई ‘शून्य’!
सूत्रों बताते हैं कि मामला अप्रैल 2024 का है जब जसवंतनगर से आगरा की ओर जाते समय कटफोरी टोल प्लाज़ा पर चेकिंग अभियान के दौरान शाम के वक्त वन दरोगा अमित कुमार सिंह की गाड़ी (UP 75 AE 8698) से 30 लाख रुपये की अवैध नकदी पुलिस थाना जसवंतनगर और पुलिस चौकी धरवार के द्वारा बरामद की गई। इतनी बड़ी राशि मिलने के बावजूद आज तक न किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई, न ही गाड़ी जब्त हुई न ही किसी को जेल भेजा गया।
गाड़ी में 38 लाख ब्लेक मनी पकड़ी गई, कार्यवाहीं क्यों नहीं ,गाड़ी जब्त क्यों नहीं हुई?
शिवाय राजपूत ने आईजीआरएस पर शिकायत और सीएम पोर्टल पर भी लीपापोती
शिकायतकर्ता शिवाय राजपूत के द्वारा पोर्टल आईजीआरएस संख्या 12161250035166 के माध्यम से मुख्यमंत्री पोर्टल पर मामला दर्ज कराया गया, फिर भी किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई। लेकिन आरोप है कि जांच अधिकारी ने मिलीभगत कर झूठी रिपोर्ट दर्ज कर अपराधियों को क्लीन चिट दे दी। यह रिपोर्ट ना केवल जनविश्वास से खिलवाड़ है बल्कि भ्रष्ट तंत्र की पोल खोलती है।
ग्राम प्रधान प्रवीण कुमार सक्सेना की भूमिका संदेह के घेरे में?
शिकायत में ग्राम पंचायत बाउथ के प्रधान प्रवीण कुमार सक्सेना पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने पैसे लेकर फर्जी रिपोर्ट तैयार की और वन दरोगा को बचाने के लिए अपने पद और लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया। सूत्रों बताते हैं कि जांच अधिकारी पर भी आरोप है कि उन्होंने यह फर्जी रिपोर्ट लेकर सीएम पोर्टल पर आरोपियों को बचाने का काम किया।
सूत्र बताते हैं कि जनपद इटावा में हाकीकत दबा दी जाती है
डीएफओ अतुल कांत शुक्ला की भूमिका पर भी उठे सवाल
यह पूरा मामला डीएफओ अतुल कांत शुक्ला की निगरानी में हुआ, जिनपर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर इस गंभीर भ्रष्टाचार को दबा दिया। शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि ये अधिकारी समाजवादी पार्टी के करीबी हैं और बीजेपी सरकार को भीतर से कमजोर करने की साजिश में शामिल हैं।
राजनीतिक साजिश की बू: भाजपा को इटावा-अंचल में कमजोर करने की तैयारी?
शिकायतकर्ता शिवाय राजपूत का आरोप है कि इटावा, औरैया, मैनपुरी और फिरोजाबाद जैसे संवेदनशील जिलों में राजनीतिक षड्यंत्र चल रहा है, जिससे भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। अधिकारियों के मुंह से निकला कथित बयान – “हमने जितवा दिया, फिर भी मिलने नहीं आया?” – बेहद खतरनाक संकेत दे रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माँग: CBI और ED से जांच हो!
शिकायतकर्ता शिवाय राजपूत ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मामले की CBI या ED से निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
जनता के सवाल प्रशासन से सीधे:
आखिर कब होगी 30 लाख की ब्लैक मनी की पारदर्शी जांच?
कब बर्खास्त होंगे वे अधिकारी जो भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगे हैं?
सूत्र बताते हैं:क्या यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा?
पुलिस प्रशासन भी शक के घेरे में?
क्या योगी सरकार इस गहरे षड्यंत्र को जड़ से उखाड़ने के लिए सख्ती दिखाएगी?
अब वक्त है जागने का। क्योंकि जब कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो सवाल उठाना ज़रूरी हो जाता है।
सूत्रों बताते हैं कि प्रशासन वन विभाग के अधिकारी झूठ मुकदमा में फंसा देते हैं!
“सच को नहीं दबने दूंगा यह शान है हमारी!”चाहे जान भी चली जाए हमारी “,यह जंग है हमारी !