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ग्रो ने सेबी को सौंपे गोपनीय आईपीओ दस्तावेज

ग्रो ने सेबी को सौंपे गोपनीय आईपीओ दस्तावेज

सक्रिय निवेशकों की तादाद के लिहाज़ से भारत की सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, ग्रो ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए गोपनीय दस्तावेज सौंपे हैं।

 

इस मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, आईपीओ का आकार करीब 700 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन (एक अरब) डॉलर के बीच होने की उम्मीद है, जिसमें फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल शामिल होंगे। कंपनी को पीक एक्सवी, रिबिट, वायसी, ईकॉनिक (ICONIQ), टाइगर कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी सत्य नडेला जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। आईपीओ से प्राप्त राशि का निवेश प्रौद्योगिकी विकास और व्यवसाय विस्तार में किए जाने की उम्मीद है।

 

इस इश्यू के मर्चेंट बैंकरों में जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज लिमिटेड शामिल हैं।

 

ग्रो की शुरुआत 2016 में हुई थी और यह वित्त वर्ष ‘25 में भारत में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले रिटेल ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा, जिसकी बाज़ार हिस्सेदारी मार्च 2025 तक 26% से अधिक थी। वित्त वर्ष ‘25 में, ग्रो सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनकर उभरा, जिसने 34 लाख नए खाते जोड़े- जो एनएसई की वृद्धि का 40% हिस्सा है। कंपनी के सक्रिय ग्राहकों की संख्या मार्च 2025 में बढ़कर 1.29 करोड़ हो गई जो मार्च 2024 में 9.5 मिलियन (95 लाख) थी। यह साल-दर-साल के आधार पर 36% की तीव्र वृद्धि है। रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी सिंगापुर स्थित एसेट मैनेजमेंट फर्म जीआईसी से 7 बिलियन (सात अरब) के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 100-150 मिलियन (10-15 करोड़) डॉलर की फंडिंग जुटा सकती है। यह दौर 250-300 (25-30 करोड़) डॉलर के बड़े राउंड का हिस्सा है, जिसके अगले दो हफ्तों में बंद होने की उम्मीद है।

 

ग्रो की एकसमान वृद्धि का श्रेय इसके मोबाइल-फर्स्ट, उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव और निवेशकों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को जाता है, जो देश भर के खुदरा निवेशकों को आकर्षित करता है।

 

ग्रो भारत में खुदरा निवेश को डिजिटल बनाने में अग्रणी रही है। इसके ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है जो निर्बाध पहुंच और एक समझ-बूझ कर निवेश करने की संस्कृति बनाने में मदद करता है।

 

ग्रो वित्त वर्ष ‘23 में ₹1,277 करोड़ की आय और 449 करोड़ के लाभ के साथ लाभप्रदता की स्थिति में आ गया। वित्त वर्ष 24 में, ग्रो ने ₹535 करोड़ के परिचालन लाभ के साथ ₹3,145 करोड़ की आय दर्ज की, जो लगातार मज़बूत व्यावसायिक प्रदर्शन को दर्शाता है। पिछले साल कंपनी ने भारतीय डोमिसाइल पहल में ₹1,340 करोड़ का एकमुश्त कर चुकाया, जिससे उसे ₹805 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ। कंपनी की लगातार बढ़त यह दर्शाती है कि कैसे टेक्नोलॉजी-आधारित निवेश निवेशकों की पसंद को नया आकार दे रहा है और भारत के वित्तीय बाजारों के भविष्य को बदलने के लिए तैयार है।

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