
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए उठाए कई अहम कदम
नई दिल्ली:भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आगामी चुनावों के मद्देनज़र मतदाता सुविधा, पारदर्शिता और चुनावी प्रक्रिया की मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय और सुधार लागू किए हैं। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, देशभर में मतदान केंद्रों, मतदाता सूची, राजनीतिक दलों की भागीदारी और तकनीकी नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
प्रमुख घोषणाएं और सुधार
1. मतदान केंद्रों पर नई व्यवस्थाएं
एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय।
उच्च आवासीय भवनों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित होंगे।
प्रत्येक मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
2. मतदाता सूची और पहचान में पारदर्शिता
मृत्यु पंजीकरण के डेटा का सीधा उपयोग कर नाम हटाने की प्रक्रिया।
वोटर इनफॉरमेशन स्लिप को अधिक स्पष्ट और उपयोगी बनाया गया – क्रम और भाग संख्या प्रमुखता से दर्शाई जाएगी।
डुप्लीकेट EPIC नंबर की समस्या का समाधान – अब प्रत्येक मतदाता को विशिष्ट EPIC नंबर मिलेगा।
सभी बीएलओ को मानकीकृत फोटो पहचान पत्र दिए जाएंगे।
3. राजनीतिक दलों और एजेंट्स की भागीदारी
देशभर में CEO, DEO और ERO स्तर पर 4,719 बैठकें; 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दलों के प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श।
बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के लिए बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी के प्रतिभागियों को IIIDEM में प्रशिक्षण।
प्रचार बूथ की दूरी 200 मीटर से घटाकर 100 मीटर की गई।
4. तकनीकी नवाचार और प्रशिक्षण
‘एकीकृत डैशबोर्ड – ECINET’ की शुरुआत, जिससे सभी सेवाएं एक पोर्टल/ऐप पर उपलब्ध।
निर्वाचन प्रक्रिया में 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान और उनके लिए अधिनियमों/नियमों पर आधारित प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।
बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली और ई-ऑफिस प्रणाली लागू।
3500 से अधिक बूथ लेवल पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण; अगले 45 दिनों में 6000 और, भविष्य में 1 लाख से अधिक को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।
5. समन्वय और क्षमता निर्माण
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के CEO कार्यालयों के मीडिया अधिकारियों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम।
बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण।
मुख्यालय स्तर पर नियमित बैठकें और समन्वय।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए ये कदम चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और मतदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। आयोग का उद्देश्य है कि प्रत्येक मतदाता को निर्बाध और निष्पक्ष मतदान का अधिकार मिले तथा चुनावी प्रक्रिया में सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।