रीवा:. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली उत्सव कार्यक्रम में भोपाल से प्रदेश की 21 हजार 550 लाड़ली लक्ष्मी को 5 करोड़ 99 लाख रूपये की छात्रवृत्ति अंतरण किया। इस दौरान आनंदमूर्ति गुरू माँ भी उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्चुअली लाड़लियों को सम्बोधित किया। कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में जिले की लाड़ली लक्ष्मी बेटियों ने मुख्यमंत्री जी का संबोधन सुना। उल्लेखनीय है कि रीवा जिले में कुल एक लाख 18 हजार चार सौ पचास लाड़ली लक्ष्मी रहें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियाँ बोझ नहीं वल्कि वरदान बनें इसी उद्देश्य से लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के माध्यम से समाज की बेटियों के प्रति दृष्टि बदलने का प्रयास था क्योंकि बिना बेटियों को समाज सशक्त नहीं बन सकता। उन्होंने बेटियों से कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति व मेहनत से लक्ष्य की प्राप्ति करें क्योंकि हमारी बेटियों कुछ भी कर सकती हैं अत: देश व समाज के लिये कुछ करने की तमन्ना रखकर अपना ध्येय निर्धारित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना का पोर्टल बनाकर 12वीं प्रवेश लेने वाली बेटियों के कैरियर मार्गदर्शन देने का कार्य किया जायेगा ताकि वह अपनी अभिरूचि अनुसार आगे का मार्ग चयन कर सके। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जायेगा तथा लाड़ली लक्ष्मी को जन्म के समय ही प्रमाण पत्र दिया जायेगा। उन्होंने बेटियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने व पोषण युक्त भोजन दिये जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने बेटियों के अभिभावकों से अपेक्षा की कि वह बेटियों पर बोझ न डाले उनका ध्यान रखें तथा उनकी रूचि अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने में सहयोग दें ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके और अन्य बालिकाओं के लिये भी प्रेरणा श्रोत बन सकें।
इस अवसर पर माँ आनंदमूर्ति ने अपने मार्गदर्शक संबोधन में बेटियों को आगे बढ़ने का मंत्र दिया व प्रवेश की लाड़ली बेटियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। कलेक्ट्रेट स्थित मोहन सभागार में संयुक्त संचालक महिला बाल विकास श्रीमती ऊषा सिंह सोलंकी, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक आशीष दुबे सहित विभागीय अधिकारी कर्मचारी लाड़ली लक्ष्मी बेटियों व उनके परिजन उपस्थित रहे। इस अवसर पर संयुक्त संचालक श्रीमती सिंह एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती पाण्डेय ने लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण पत्र का वितरण भी किया।