मुंबई विशाल समाचार प्रतिनिधि
मुम्बई महाराष्ट्र :आठ बार की चैम्पियन चीनी महिलाओं ने रविवार को मुंबई फुटबाल एरेना में ईरान को 7-0 से हराया। एएफसी विमेंस एशियन कप 2022 कप में चीन की यह लगातार दूसरी जीत है।
चीन के लिए वांग शुआंग ने हैट्रिक लगाकर अपने जन्मदिन का जश्न मनाया। ईरान की यह पहली हार है। उसने अपने पहले मैच में भारत को बराबरी पर रोका था। अब उसे चीनी ताइपे से भिड़ना है, और यह मुकाबला उसके अगले दौर में ले जाने के लिहाज से काफी अहम होगा।
स्टील रोजेज नाम से मशहूर चीनी महिलाओं ने अपने पहले मैच में गुरुवार को चीनी ताइपे को 4-0 से हराया था। पहली जीत के बाद उत्साहित चीनी टीम ने ईरान के खिलाफ जल्द ही लय हासिल की लेकिन कई मौकों पर उसे ईरानी गोलकीपर ज़ोहरेह कौडेई के बेहतरीन बचाव के कारण निराशा हाथ लगी। जोहरेह ने अपनी शानदार गोलकीपिंग के दम पर गुरुवार को भारत को गोलरहित बराबरी पर रोका था।
ज़ोहरेह कौडेई ने अपना प्रयास जारी रखा और चीनी टीम ने अपना प्रयास जारी रखा और 28वें मिनट में उसे सफलता मिल ही गई। वांग ने अपने बेहतरीन लेफ्ट फुटर के जरिए गेंद को बाक्स के किनारे में डालकर बड़ी स्टाइल में अपने 27वें जन्मदिन का जश्न मनाया।
मरयम इरानडूस्ट की टीम को आसानी से तोड़ना आसान नहीं था लेकिन चीन ने एक ऐसा मूव किया, जिसने सबसे अच्छे डिफेंस में से एक को भेद दिया और हाफ टाइम से ठीक पहले चीनी टीम ने जियाओ यूई के गोल की मदद से 2-0 की लीड ले ली।
ईरानी टीम वापसी करना चाहती थी और इसी कारण उसने अपनी डायनामिक किशोर स्ट्राइकर नेगिन जांडी को हाफ टाइम के बाद मैदान में उतारा लेकिन उनका मैदान पर आना एक लिहाज से अपशगुन साबित हुआ क्योंकि 49वें मिनट में ही चीन ने एक और गोल करते हुए 3-0 की लीड ले ली। यह गोल पेनाल्टी पर हुआ और वांग शुआंग ने ली मेगवेन द्वारा हासिल इस पेनल्टी पर गोल करने में कोई गलती नहीं की ।
वांग ने 55वें मिनट में जियाओ के एक क्रॉस पर गोल करते हुए चीन को 4-0 से आगे किया और फिर चार मिनट बाद ही इस जोड़ी ने एक और गोल करते हुए स्कोर 5-0 कर दिया। चीन की बेहतरीन फिटनेस और टेक्नीक खेल में अंतर पैदा कर रही थी और इसी क्रम में 77वें मिनट में गोल कर तांग जियाली ने स्कोर 6-0 कर दिया। फिर 82वें मिनट में एक और गोल के साथ चीन ने यह मुकाबला खत्म किया।
चीन ने 1986 से 1999 के बीच रिकॉर्ड लगातार सात बार यह खिताब जीता है। फिर उसने 2006 में आस्ट्रेलिया में आठवीं बार यह ट्रॉफी उठाई लेकिन उसके बाद उसकी झोली खाली है.