विचार

हमारा शुद्धिकरण….

*हमारा शुद्धिकरण*
*शरीर जल से,मन सत्य से बुद्धि ज्ञान से*
*और आत्मा संस्कार से पवित्र होती हैं*
*अगर आप भीतर से बिलकुल शुद्ध है*
*निर्मल है, निर्दोष है, तो ज़हर भी*
*आपके अंदर जाकर शुद्ध,निर्मल*
*और निर्दोष हो जाएगा बाकी सब*
*स्वभाव पर निर्भर करता है*
*सुधरना बिगड़ना मनुष्य के स्वभाव पर*
*निर्भर करता है न कि माहोल पर*
*रामायणमें दो पात्र हैं विभीषण और कैकई*
*विभीषण रावण के राज्य में रहकर भी*
*नहीं बिगड़ा और कैकई रामराज्य में*
*रहकर नहीं सुधरी*
*सच्चा स्नेह करनेवाला*
*केवल आपको बुरा बोल सकता है*
*कभी आपका बुरा नहीं कर सकता*
*क्योंकि उसकी नाराजगी में*
*आपकी फिकर और दिल में*
*आपके प्रति सच्चा स्नेह होता है*

अपली विश्वासू
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश

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