ऋषिकेश कुमार की रिपोर्ट :
राजगीर में बुद्ध पथ पर बन रहा नेचर सफारी काफी तेजी से तैयार हो रहा है. भगवान बुद्ध इसी बुद्ध पथ से गया से राजगीर आये थे. यह प्रकृति की छंटाओं के बीच बसा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट राजगीर में अब दिखने लगी है. कई योजनाएं पूरी होने के कगार पर हैं तो कई पूरे कर लिये गये हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक जू-सफारी से आगे जंगल के बीच बन रहा नेचर सफारी है. इसमें प्रकृति को दिखाने के साथ एक रोमांच भरने की कोशिश की जा रही है. नौ किलोमीटर लंबी एरिया में बन रहे नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज यानि शीशे का पुल बनाया गया है। जो लगभग पूरा हो गया है . इसमें चढ़ने वालों को अपना दिल थाम कर जाना होगा. यह संस्पेंशन ब्रिज चीन की तर्ज पर बनाया जा रहा है. यह स्काई बाग में होगा. इसके नीचे गहरी खायी दिखायी देगी. लगेगा मानो उसमें गिर गये, पर गिरेंगे नहीं. वहीं 500 हेक्टेयर में कैफेटेरिया भी बनाया जा रहा है. इसके गेट को एक नया लुक दिया गया है. सफारी में हवा में रोप के सहारे साइक्लिंग का भी लोग लुफ्त उठायेंगे. इसमें पर्यटकों को लुभाने के लिए तितली पार्क, राउंडेन गार्डेन, मेड्रेशनल गार्डेन, शुटिंग लैब भी होगा. इसके अलावा बिहार दर्शन का एक कैम्पस होगा, जिसमें बिहार के ऐतिहासिक धरोहरों की प्रदर्शनी होगी. नेचर सफारी में पुराने परंपरा के अनुसार नये तरीके से मिट्टी, बांस व लकड़ी का कॉटेज बनाया जा रहा है। यह बाहरी पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह से सक्षम होगा. पहले जहां विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटक खासकर बंगाली पर्यटक यहां एक से दो दिन ही ठहर पाते थे वे अब इन सभी योजनाओं के पूरा होने पर लम्बी समय के लिए राजगीर में ठहरेंगे और विदेशी पर्यटकों का भी ठहराव राजगीर में हो पायेगा. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी. यह नेचर सफारी मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा. इसका पहला द्वार नाकापर जेठियन के पास होगा. यह जेठियन की ओर से तीन किलोमीटर की दूरी पड़ेगा। पार्क में रॉक क्लाइबिंग की भी लोगों को लुफ्त उठाने को मिलेगा। हालांकि जानकारी मिलने के बाद ही लोग यहाँ आ रहे है । मगर इसके अभी नहीं खुलने से उन्हें निराश हाथ लग रहा है ।