माँगलिक दोष और विवाह में बाधा एक गलतफहमी
माँगलिक दोष के बारे में ज्योतिष के धुआँधार प्रचार के कारण आज भारतवर्ष के ज्यादातर लोग जानते हैं और ज्यादातर लोग माँगलिक दोष को विवाह बाधा का मुख्य कारण भी समझते हैं हालाँकि इसमें गलती साधारण लोगों की नहीं हैं – ज्योतिषियों ने ही माँगलिक दोष का ऐसा हौवा खड़ा कर दिया है और विवाह में देरी का मुख्य दोष माँगलिक दोष पर डाल दिया हैं। जबकि विवाह में देर शनि ग्रह की वजह से होती है – मंगल दोष की वजह से देरी तो माँगलिक दोष के दुष्प्रचार की वजह से होने लगी हैं। माँगलिक दोष के दुष्प्रचार की वजह से लड़की या लड़के की कुण्डली में मँगल दोष देखते ही दोनों के ससुराल वाले बिदक जाते हैं जबकि इनमे से ज्यादातर मामलों में माँगलिक दोष कुण्डली में होता भी नहीं हैं। क्योंकि माँगलिक दोष सिर्फ ”लग्न कुण्डली” से ही देखा जाता हैं जबकि व्यवसायिक ज्योतिषियों ने इसे लग्न के साथ ”चन्द्र कुण्डली” और शुक्र से भी ”माँगलिक दोष” बतलाने लगते हैं जबकि ये गलत नियम हैं। ऐसे तो ९०% कुण्डलियाँ ”माँगलिक दोष” से दूषित हो जाएँगी – और इस गलत प्रचार की वजह से जिनकी कुण्डली में माँगलिक दोष नहीं है उन्हें माँगलिक बोलकर रिजेक्ट कर देते हैं इसलिए भी विवाह में देर होने लगी हैं और विवाह में देर होने का कारण मँगल को बना दिया गया है जबरदस्ती और हकीकत में अब ये ज्योतिषीय समस्या न होकर सामाजिक समस्या बनती जा रही हैं। साधारण लोगों को भी चाहिए कि थोड़ी बहुत ज्योतिष के मूल विषयों की जानकारी रखे ताकि आसानी से उन्हें कोई बरगला न सकें।