फैक्ट चेक

मुख्यमंत्री ने श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक में कई अहम निर्देश दिये!

रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट !


मुख्यमंत्री के निर्देश
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं को तेजी से लागू करें।
मेगा स्किल सेंटर्स जल्द से जल्द खोले जाएं।
सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाएं।
युवाओं के और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के कई कार्य किए गए हैं। इनसे जुड़े कार्यों के मेंटेनेंस की भी ट्रेंनिंग हो।
इंप्रुव्ड टेक्नोलॉजी को लेकर एक टीम बनाएं जो नॉलेज के अपग्रेडेशन से अवगत रहे।

पटना 22 दिसम्बर 2020:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग से कार्यान्वित होने वाली योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
समीक्षा बैठक में श्रम संसाधन विभाग के सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह ने आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में आई0टी0आई0 को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाना, नए कोर्सेस/ट्रेड्स इंट्रोड्यूस कराना, नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट फॉर वुमेन की स्थापना, सभी जिलों में मेगा स्किल सेंटर बनाना तथा विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में पॉलिटेक्निक संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाना, बाजार एवं उद्योगों के अनुरुप बेहतर रोजगार के और नये अवसर उपलब्ध कराने के लिये छात्रों की दक्षता में वृद्धि हेतु कार्य योजना बनाना, पॉलिटेक्निक संस्थानों में उच्चस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सिलेंस को स्थापित करने की योजना, संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को कौशल प्रदान करने हेतु डिप्लोमा शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कोर्सेस की व्यवस्था करना तथा विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवाओं के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। युवाओं को रोजगार में मदद करने हेतु स्वयं सहायता भत्ता योजना, युवाओं को कंप्यूटर, संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, ताकि छात्रों की दक्षता में वृद्धि हो सके और इससे उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जानकारी दी गई है कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को डिप्लोमा शिक्षा के साथ-साथ संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ है और इससे उनका बेहतर प्लेसमेंट हुआ है, यह खुशी की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेगा स्किल सेंटर्स जल्द से जल्द खोले जाएं, ताकि नए कौशल का प्रशिक्षण पाकर अधिक से अधिक युवा रोजगार प्राप्त कर सकें। कुशल युवा केंद्रों एवं डी0आर0सी0सी0 पर भी अन्य कार्यों की तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था करवाने के लिए आंकलन कराएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास के कई कार्य किए गए हैं। इनसे जुड़े कार्यों के मेंटेनेंस की भी ट्रेंनिंग करवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाएं। हर विभाग से संबद्ध नई तकनीक के कोर्सेज को भी बच्चों को पढ़ायें। इंप्रुव्ड टेक्नोलॉजी को लेकर एक टीम बनाएं जो नॉलेज के अपग्रेडेशन से अवगत रहे। अध्यापक नई टेक्नोलॉजी के प्रति अपडेट रहें ताकि बच्चों को कोर्सेस के साथ नवीन तकनीक की बेहतर जानकारी दे सकें।
बैठक में विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री अशोक कुमार चैधरी, श्रम संसाधन मंत्री श्री जीवेश कुमार, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, श्रम संसाधन विभाग के सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह सहित श्रम संसाधन तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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