दिल्ली

हटाएं या संसद में स्क्रूटनी कराएं, अग्निपथ स्कीम पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से बोले विपक्षी सांसद

हटाएं या संसद में स्क्रूटनी कराएं, अग्निपथ स्कीम पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से बोले विपक्षी सांसद

नई दिल्ली: विपक्षी सांसदों ने इस दौरान अग्निपथ योजना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए इतनी ज्यादा अर्जियां आने के पीछे वजह देश बेरोजगारी है। रक्षामंत्री ने मीटिंग को अच्छा बताया।

अग्निपथ स्कीम पर विपक्ष का विरोध कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान विपक्षी सांसदों ने सेना में भर्ती के लिए लागू अग्निपथ स्कीम पर चिंता जताई। रक्षामंत्री सोमवार को संसद में एक रक्षा मामलों से जुड़ी एक कमेटी की बैठक कर रहे थे। इस कमेटी में भाजपा के चार सांसदों समेत कुल 12 सांसद मौजूद थे। विपक्षी सांसदों ने इस योजना को हटाने या संसद में स्क्रूटनी के लिए भेजने की मांग की।

बेरोजगारी के चलते आईं अर्जियां
इस बैठक में शामिल होने वाले सांसदों में टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, एनसीपी से सुप्रिया सुले, कांग्रेस से रजनी पाटिल, शक्ति सिंह गोहिल और मनीष तिवारी, आरजेडी से एडी सिंह और भाजपा से रंजनबेन भट्ट और रामभाई मोखारिया शामिल थे। इस दौरान कमेटी के सदस्यों के सामने रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार एक विस्तृत प्रजेंटेशन दिखाई गई। हालांकि विपक्षी सांसदों ने इस दौरान अग्निपथ योजना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए इतनी ज्यादा अर्जियां आने के पीछे वजह देश बेरोजगारी है। वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीटिंग को बहुत अच्छा बताया।

जापान का दिया उदाहरण
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने कहा कि अग्निपथ स्कीम के लिए इतनी बड़ी संख्या में अप्लीकेशन इसलिए आए हैं, क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर सरकार बेरोजगारी कम करने के लिए उपाय क्यों नहीं कर रही थी। विपक्ष ने कहा कि आर्मी रणनीतिक रूप से और रक्षा के लिए देश के लिए बेहद अहम है। अगर कोई व्यक्ति चार साल आर्मी में काम करके निकलेगा और उसे दूसरा काम नहीं मिलेगा तो क्या गारंटी है कि वह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या का उदाहरण देकर भी अग्निवीर के नुकसान को समझाने की कोशिश की गई।

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