पूणे

गुणात्मक व मूल्यांकन प्रक्रियाएं यानी ‘गूड गवर्नन्स’ डॉ. हसमुख अढिया के विचारः एमआइटी डब्ल्यूपीयूमें स्व. बी.जी देशमुख स्मृति व्याख्यान श्रृंखला

गुणात्मक व मूल्यांकन प्रक्रियाएं यानी ‘गूड गवर्नन्स’
डॉ. हसमुख अढिया के विचारः एमआइटी डब्ल्यूपीयूमें स्व. बी.जी देशमुख स्मृति व्याख्यान श्रृंखला

पुणे: गुणात्मक और मूल्यांकन प्रक्रियांए यानी गूड गवर्नन्स है. जिसमें जनभागीदारी, कानून, राज्य की पारदर्शिता, प्रतिसादात्मकता, जवाबदेही आदि की विशेषताएं शामिल है.आर्थिक उदारीकरण में विकेंद्रीकरण, मानवाधिकार, कानून का शासन, पारदर्शिता, दक्षता, प्रभावशीलता, रणनीतिक योजना और सतत विकास जैसे कारण भी शामिल है. ऐसे विचार गुजरात के सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति व सेवानिवृत्त प्रशासकीय अधिकारी डॉ. हसमुख अढिया ने व्यक्त किए.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी तथा पब्लिक कन्सर्न फॉर गवर्नन्स ट्रस्ट पुणे चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ११ वे स्व. बी.जी. देशमुख स्मृति व्याख्यान श्रृंखला में गूड गवर्नन्स विषयपर वे मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे.
इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के पूर्व निदेशक एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डॉ. संजीव चोपडा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही पूर्व आयुक्त महेश झगडे, सतीश खोत, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अजीत निंबालकर और सतीश पोल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस, प्र कुलपति डॉ. तपन पांडे, डॉ. के. गिरीशन और डॉ. शालिनी शर्मा मौजूद थे.
डॉ. हसमुख अढिया ने कहा, कड़ी मेहनत, कर्मचारियों को समय समय पर प्रशिक्षण, टीम वर्क नागरिकों के साथ निष्पक्ष व्यवहार और कौशल की कमी सभी का ध्यान रखा जाता है. सुशासन में समस्याएं जल्द ही खत्म हो जाएंगी. सभी को अपने काम को ही कर्मयोग के रूप में करना चाहिए. देश का ३० प्रतिशत कर्मचारियों के बदौलत देश अच्छा चल रहा है. यदि शेष ७० प्रतिशत कर्मचारियों में से केवल कुछ ही अपनी उचित जिम्मेदारियों को समझे, तो यह देश प्रगति करेगा.
नागरिकों को सौंपे गए कार्यो, कर्तव्यों, जिम्मेदारियों का सावधानीपूर्वक पालन करके निर्धारित अवधि के भीतर विभिन्न लाभों और सेवाओं का प्रावधान है. सुशासन की एक प्रणाली है जो एक पदानुक्रम के रूप में कार्य करती है. इस प्रणाली में, नीतियों, कार्यक्रम और योजनाएं शीर्ष स्तर से तैयार की जाती हैं और निचले स्तर पर लागू की जाती है.
डॉ. संजीव चोपडा ने कहा, इतिहास की घटनाएं भावी पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस देश में महान बौध्दिक क्षमता वाले लोग हैं और इसका उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए किया जाना चाहिए. जैसे ही इस देश में जनता से सीधे संवाद करने के लिए स्वच्छ अभियान की घोषणा की गई, मेरे शहर को सबसे अच्छा दिखने के लिए जोर शोर से काम शुरू हो गया. साथ ही देश में सामाजिक, आर्थिक और नई योजनाओं के लिए बहुत काम चल रहा है. प्रभु शक्ति यानि राजनीतिक शक्ति, विचारों की शक्ति और उत्साह की शक्ति देश की प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
महेश झगडे ने कहा, स्थानीय स्तर के मुद्दों और समस्याओं को हल करने के लिए प्रशासन अच्छी तरह से काम कर रहा है. वे विभिन्न योजनाओं पर काम करते हैं और नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए उन्हें लागू करते है. आज बी.जी. देशमुख के नाम से शुरू की गई यह व्याख्यान श्रृंखला निश्चित रूप से समाज कल्याण और सुशासन बनाने में मदद करेगी.
अजीत निंबालकर ने बीजी देशमुख के कार्यों की समीक्षा की. साथ ही, जब वे प्रशासनिक सेवा में थे, तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वी.पी. सिंह और चंद्रशेखर के सचिव के रूप में कार्य करनेवाले एकमात्र व्यक्ति थे.
डॉ. आर.एम.चिटणीस ने स्वागत पर भाषण दिया.
डॉ. अनुराधा पै ने सूत्रसंचालन किया.

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