अग्निवीर’ बनने को बेताब हैं। बदन पर वर्दी की चाहत और दिल-दिमाग में देश सेवा का जुनून लेकर हर दिन युवा वर्ग सुबह-शाम खूब पसीना बहा रहे
शिवराज सिंह राजपूत की रिपोर्ट-
इटावा/यूपी : आजकल ग्रामीण क्षेत्रों में युवा वर्ग ‘अग्निवीर’ बनने को बेताब हैं। बदन पर वर्दी की चाहत और दिल-दिमाग में देश सेवा का जुनून लेकर हर दिन युवा वर्ग सुबह-शाम खूब पसीना बहा रहे हैं।
भले ही केंद्र सरकार की ओर से सेना भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं मगर आज भी सेना की वर्दी पहनने की हसरत कम नहीं हुई है। आगामी समय में होने वाली ‘सेना रैली भर्ती’ के लिए नगर और देहात क्षेत्र में युवा खूब दौड़ लगा रहे हैं। यही वजह है कि जसवन्तनगर से कचौरा रोड, बाईपास, नगला तौर से बलरई रोड, बीवामऊ से नेशनल हाईवे की तरफ मीठेपुर रोड, तिजौरा से भदान रोड समेत तमाम जगहों पर युवा सुबह और शाम दौड़ लगाते हुए दिखाई देते हैं। अपने मुकाम को हासिल करने के लिए युवा प्रतिदिन घंटों के हिसाब से मेहनत कर रहे हैं।
जब हमारे संवाददाता शिवराज सिंह राजपूत ने युवाओं से बातचीत की तो युवाओं का बताया है कि बस उन्हें सेना में भर्ती होना है। बदन पर खाकी वर्दी की चाहत है फिर चाहे देश सेवा 4 साल की हो या 25 साल की हमें तो सिर्फ देश सेवा करनी है। युवाओं का कहना है कि सेना के रिटायरमेंट जवानों के साथ कभी कभी मेहनत करने से ऊर्जा मिलती और जोश 2 गुना हो जाता है नया कुछ सीखने को भी मिलता है।
“फौजी बनना मेरा सपना”
युवाओ का कहना है कि सभी का अलग करियर बनाने का स्वप्न होता है। कोई डाक्टर तो कोई इंजीनियर तो कोई अन्य काम करने का सपना देखता है हम लोगों का तो सेना में भर्ती होना और फौजी बनने का सपना है। इसके लिए ही हम दर्जनों युवाओं द्वारा हर दिन सुबह शाम घंटो के हिसाब से पसीना बहा रहे हैं।
“सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात”
बताते है कि ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर जून के महीने में देशभर में विरोध चल रहा था. यह विरोध देखकर उम्मीद की जा रही थी कि युवा इस भर्ती में खास रुचि नहीं लेंगे, लेकिन इस भर्ती को लेकर युवा वर्ग की भीड़ देखकर लोगों के सारे भ्रम टूट गए हैं. जहां ज्यादातर युवाओं का कहना है कि एक दिन के लिए ही सही, सेना की वर्दी पहनना गर्व की बात है.देश की सेवा का जज्बा लिए सैकड़ों युवाओं द्वारा अलग अलग जगहों पर दर्जनों की संख्या में दौड़ लगाते हुए, उठक वैठक करते हुए, दिखाई देते हैं.