उद्योग विभाग की योजनाओं की प्रगति से सम्बंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन
सीतामढी बिहार: उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार की अध्यक्षता में उद्योग विभाग की योजनाओं की प्रगति से सम्बंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में किया गया। बैठक में जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा,उप विकास आयुक्त विनय कुमार के साथ बैठक में सभी बैंकों के वरीय अधिकारी ,जीविका डीपीएम ,उधोग महाप्रबंधक सीतामढ़ी उपस्थित थे।
बैठक में विशेष सचिव दिलीप कुमार ने निर्देश दिया कि सभी बैंक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार नए उद्योगों की स्थापना के लिए ऋण देना सुनिश्चित करें। कई बैंकों ने अभी तक जिला में चालू वित्तीय वर्ष में किसी भी यूनिट को लगाने के लिए ऋण स्वीकृत नहीं किया है। वहीं, प्रमुख बैंकों द्वारा भी लक्ष्य से काफी कम ऋण स्वीकृत किया गया है।उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।इस तरह की लापरवाही नही चलेगी। उन्होंने उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों तो कहा कि जिले में उद्योगों की स्थापना की मद्देनजर बैंकों का सहयोग अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।अतः प्रत्येक बैंक मिशन मोड में कार्य करना सुनिश्चित करें ताकि जिले में उद्योग धंधे स्थापित हो सके और रोजगार का सृजन हो सके। कहा कि 3 नवंबर को सभी जिलों में उद्योग लगाने की योजनाओं के तहत ऋण वितरण का कार्य किया जाना है। उक्त तिथि तक सभी बैंक ऋण का वितरण सुनिश्चित करें और ऋण स्वीकृति पत्र कैंप लगाकर बांटें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण की नई इकाइयों की स्थापना और पुरानी इकाइयों के विस्तार के लिए उद्यमियों को मदद की जानी है। इसके लिए जिला संसाधन सेवी तैनात हैं। जिला उद्योग महाप्रबंधक को उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रखंड में कम से कम चार जिला संसाधनसेवी पीएमएफएमई योजना के तहत बहाल करे। कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से नए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना तथा पुरानी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जा रही है, जो ₹10 लाख तक का है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को तकनीकी सुविधा और ब्रांडिंग के लिए भी सरकारी स्तर पर मदद दी जा रही है। पीएमएफएमई स्कीम के तहत , समूह में काम करने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कलस्टर की स्थापना के लिए भी आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण इकाई को लगाने के लिए इच्छुक लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।विशेष सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना राज्य की फ्लैगशिप योजना है, जिसके तहत अधिकांश लाभुकों को प्रथम किस्त दिया जा चुका है। निर्देश दिया कि जिन लाभुकों ने प्रथम किस्त की उपयोगिता का प्रमाण पत्र जमा कर दिया है उन्हें दूसरी किस्त की राशि जारी की जाए। पुरानी योजनाओं के तहत जिन उद्यमियों ने प्रथम किस्त प्राप्त करने के बाद उद्यम चालू नहीं किया है, उनसे वसूली किया जाए।विशेष सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत प्रथम किस्त की उपादेयता का प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभाग के पोर्टल में भी प्रावधान किया गया है।
बैठक में जिला जन संपर्क अधिकारी कमल सिंह एवं वरीय उप समाहर्ता प्रशांत कुमार भी उपस्थित थे।