केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया मोहनिया टनल का लोकार्पण
देश की सबसे चौड़ी व प्रदेश की सबसे लम्बी सड़क टनल का हुआ लोकार्पण
विशाल समाचार टीम रीवा:-
रीवा एमपी: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग श्री नितिन गडकारी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 में मोहनिया घाटी में 1004 करोड़ रूपये की लागत से 2.82 किलोमीटर लंबाई की सड़क का सीधी जिले की सीमा में फीता काटकर लोकार्पण किया। लोकार्पण स्थल पर 7 लेन चुरहट वायपास एवं टनल निर्माण कार्य की पट्टिका का अनावरण भी केन्द्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया। लोकार्पण के उपरांत श्री गडकरी एवं श्री चौहान ने टनल के अंदर कुछ दूर तक पैदल चलकर टनल का अवलोकन किया। टनल के लोकार्पण के उपरांत केन्द्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री जी टनल के दूसरे छोर रीवा जिले की तरफ आये जहां उन्होंने 100 फिट का राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर सामूहिक राष्ट्रगान का गायन हुआ। इस दौरान प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं पिछड़ावर्ग मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, सांसद सीधी श्रीमती रीति पाठक, सांसद रीवा जनार्दन मिश्र, राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह सहित रीवा एवं सीधी जिले के विधायकगण तथा बड़ी संख्या में स्थानीय जन उपस्थित रहे।
सड़क और रेलमार्ग देश की विकास की धमनियाँ हैं। एक अच्छा सड़क मार्ग विकास के कई द्वार खोलता है। रीवा से सीधी के बीच प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क सुरंग बनकर तैयार है। नेशनल हाइवे नम्बर 75 ई में मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग से रीवा और सीधी के बीच में 7 किलोमीटर की दूरी घटेगी। आवागमन सुगम होने के साथ लगभग 45 मिनट का कम समय सीधी पहुंचने में लगेगा। यह सुरंग आवागमन को सुगम करने के साथ पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी। मोहनिया घाटी में सुरंग बन जाने से आवागमन लगभग बंद हो जाएगा। इससे घाटी में रहने वाले छोटे-बड़े वन्य जीव स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे।
राष्ट्रीय सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा टनल का निर्माण 1004 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। इसका निर्माण कार्य 18 दिसम्बर 2018 को आरंभ हुआ। इसका निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा मार्च 2023 से 6 महीने पहले ही पूरा हो गया है। मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग की कुल लंबाई 2280 मीटर है। इसमें कुल 6 लेन हैं जिनमें से तीन आने के लिए तथा तीन जाने के लिए हैं। इन लेनों को आपस में 7 स्थानों पर जोड़ने के लिए अंडर पास दिए गए हैं। यदि कोई वाहन बीच से वापस लौटना चाहे तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बाईपास सड़क का भी निर्माण किया गया है। रीवा की ओर सुरंग के शुरूआत बिन्दु पर रीवा का इकलौता सोलर पावर प्लांट स्थापित है। यह टनल दो बड़े निर्माण कार्यों का मिलन स्थल है।
सड़क सुरंग सीधी की ओर जिस स्थान पर समाप्त होती है वहाँ इसके ऊपर से बाणसागर बांध की नहर गुजर रही है। इस नहर से बाणसागर बांध से उत्तरप्रदेश राज्य को पानी दिया जाता है। कठिन प्रयासों के बाद इस नहर को बंद करके केवल चार महीने के रिकार्ड समय में एक्वाडक्ट का निर्माण किया गया। इस सड़क सुरंग के ऊपर से एक नहर और एक सड़क गुजर रही है।
रीवा-सीधी मार्ग में सड़क सुरंग का निर्माण पूरा हो जाने से आवागमन सुगम हो गया है। मोहनिया घाटी में आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते थे। इन दुर्घटनाओं में हो रही जानमाल की हानि अब नहीं होगी। देश की ऊर्जाधानी सिंगरौली को इस नेशनल हाइवे से भारी वाहन, मशीनें एवं अन्य सामग्री लेकर जाते हैं। इन वाहनों को मोहनिया घाटी के कठिन मोड़ों तथा उतार-चढ़ाव पर बहुत कठिनाई होती थी। सुरंग बन जाने से अब भारी वाहन भी सुगमता से घाटी पार कर लेंगे। यह सुरंग सड़क सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मोहनिया घाटी की सड़क सुरंग रीवा ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए निर्माण की अनुपम सौगात है।