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सिंगरौली के जयंत इलाके में एनसीएल द्वारा मुदवानी ईको पार्क विकसित किया जायेगा

सिंगरौली के जयंत इलाके में एनसीएल द्वारा मुदवानी ईको पार्क विकसित किया जायेगा

कोल इंडिया लिमिटेड ने 30 खनित क्षेत्रों को ईको टूरिज्म स्थलों में परिवर्तित किया
1610 हेक्टेयर तक हरित आवरण का विस्तार

रीवा विशाल समाचार टीम की रिपोर्ट:-

रीवा एमपी:  मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के जयंत इलाके में एनसीएल द्वारा हाल ही में मुदवानी ईको पार्क और लैण्डस्केप वाटर फ्रंट कोल इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। मुदवानी ईको पार्क अपने सुंदर परीदृश्य और मनोरंजन की अन्य सुविधाओं के कारण अगंतुको की संख्या में वृद्धि का साक्षी बन रहा है। इसके अलावा 2022-23 के दौरान सीआईएल ने पहले ही अपने हरित आवरण को 1610 हेक्टेयर तक विस्तारित करके 1510 हेक्टेयर के अपने वार्षिक लक्ष्य को पार कर लिया है। कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष में 30 लाख से अधिक पौधे लगाये हैं। वित्तीय वर्ष 2022 के अंत तक अपने पिछले 5 वित्तीय वर्षों में खनन पट्टा क्षेत्र के अंदर 4392 हेक्टेयर हरियाली 2.2 एलटी/वर्ष की कारबन सिंक क्षमता पैदा की गयी है।

ज्ञात हो की कोल इंडिया लिमि. परित्यक्त खदानों को ईको पार्क में बदलने की प्रक्रिया में है, जो ईको टूरिज्म के स्थलों के रूप में लोकप्रिय हो गये हैं ये ईको पार्क पर्यटन स्थल स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का स्त्रोत भी साबित हो रहे है। ऐसे 30 ईको पार्क पहले से ही निरंतर आकर्षित कर रहे हैं तथा सीआईएल के खनन क्षेत्रों में अधिक संख्या में ईको पार्क एवं ईकों पुर्नस्थापना स्थलों के निर्माण की योजनाएं चल रही है।

कोयला खदान पर्यटन को और बढ़ावा देने वाले कुछ लोकप्रिय स्थलों में गुंजन पार्क, ईसीएल; गोकुल ईको कल्चरल पार्क, बीसीसीएल; केनपरा ईको-टूरिज्म साइट एवं अनन्या वाटिका, एसआईसीएल; कृष्णशीला, ईको रेस्टोरेशन साइट; अनंत मेडिसनल पार्क, एमसीएल; बाल गंगाधर तिलक ईको पार्क, डब्ल्यूसीएल एवं चंद्रशेखर आजाद, सीसीएल शामिल हैं।

सीआईएल द्वारा अपनी विभिन्न खदानों में सीड बॉल प्लांटेशन, ड्रोन के माध्यम से सीड कॉÏस्टग और मीयावाकी प्लांटेशन जैसे नई तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है। खनन किये गये क्षेत्र, क्षमता से अधिक बोझ वाले कचरे के स्थान आदि के सक्रिय क्षेत्रों से अलग होते ही उनका तत्काल रूप से जीर्णोधार किया जाता है। केन्द्र और राज्य सहायता प्राप्त विशेषज्ञ एजेंसियों के परामर्श से जैविक सुधार के लिए विभिन्न प्रजातियों का चयन किया जाता है। रिमोट सेंसिंग के माध्यम से भूमि के जीर्णोधार और उपयोग लायक बनाने के कार्यों की निगरानी की जा रही है और अब तक लगभग 33 प्रतिशत क्षेत्र हरित आवरण के अन्तर्गत आ चुका है।
फोटो कैप्शन:-सिंगरौली के जयंत इलाके में एनसीएल द्वारा विकसित मुदवानी ईको पार्क।

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