स्थानीय परिचर्चा भवन में जिलाधिकारी मनेश कुमार की अध्यक्षता में जिला अभियोजन की बैठक आहूत की गई।बैठक में पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय भी उपस्थित थे।बैठक में डीएम और एसपी के द्वारा
विशेष रूप से विभिन्न वादों में अभियोजन की कार्यों की समीक्षा की गई एवं इनके त्वरित निष्पादन हेतु निर्देशित किया गया।बैठक में सभी लोक अभियोजक, विशेष अभियोजक के कार्य और उनके स्तर पर लंबित रहने के कारणों पर समीक्षा कर निर्देशित किया कि सभी संबद्ध पदाधिकारी समन्वय के साथ कार्य करते हुए कांडों के निष्पादन में रुचि लेकर कार्य करें। अधिकतम दोषसिद्धि कराना लक्ष्य रखें। जघन्यअपराधों यथा:- यौन उत्पीड़न, बलात्कार, लैंगिक अपराध, जुवेनाइल, मानव व्यापार, एसटी-एससी के मामले उच्च प्राथमिकता के साथ निष्पादित करें। मद्य निषेध से संबंधित लंबित वादों, स्पीडी ट्रायल के निस्तारण की दिशा में कार्य में गति लाएं।
बैठक में उपस्थित एपीपी एवं स्पेशल पीपी से अनुरोध किया गया कि फैसला हेतु लंबित कांडों में अविलंब सजा दिलाने का प्रयास करें। जिले के विभिन्न न्यायालय में लंबित एवं निष्पादित कांडों मामलों में लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक, जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारी, अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी के साथ लंबित वादों की स्थिति की समीक्षा की गई।
जिला पदाधिकारी द्वारा एसपीडी ट्रायल के वादों में अभिलंब दोषियों को सजा दिलाने का निर्देश दिया गया, उत्पाद एक्ट के तहत वादों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने एससी एसटी एक्ट एवं सभी एक्ट के मामलों में के तहत सजा की संख्या कम होने पर असंतोष व्यक्त किया। अगले बैठक से पूर्व अधिक से अधिक मामलों में सजा दिलवाने के निदेश दिया।
लंबित वादों की बिंदुओं का अनुपालन करने हेतु सभी अभियोजन पदाधिकारियों को जिला पदाधिकारी द्वारा निदेशित किया गया।कितने मामलों में समन एनबीडब्ल्यू किया गया है। आरोप गठन मामले में अनुपस्थित अभियुक्तों के विरुद्ध एनबीडब्ल्यू कितने मामलों में निर्गत किया गया है। अभियोजन साक्ष्य मामले में कितने महत्वपूर्ण साक्षियों का साक्ष्य कराया गया तथा कितने मामले में 309 सीआरपीसी का अनुपालन किया गया एवं कितने अनुपस्थित साक्ष्यों पर एनबीडब्ल्यू निर्गत कराया गया।