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पुणे के ‘विकर्ष नैनो’ तकनीक का दिल्ली में सम्मान कार्बन उत्सर्जन को रोकने के संशोधन के लिए शास्त्रज्ञ सोनम वांगचुक के हाथों पुरस्कृत

पुणे के ‘विकर्ष नैनो’ तकनीक का दिल्ली में सम्मान
कार्बन उत्सर्जन को रोकने के संशोधन के लिए शास्त्रज्ञ सोनम वांगचुक के हाथों पुरस्कृत

पुणे : नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर की सबसे भव्य प्रदर्शनी ‘इलेक्रामा 2023’ में पुणे के विकर्ष नैनो टेक्नोलॉजी के तकनीक का सम्मान किया गया. शिक्षा सुधारक, इनोवेटर व वैज्ञानिक सोनम वांगचुक के हाथों ‘भारत में अथवा दुनिया में उत्कृष्ट उत्पादन निर्माण’ का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया. यह पुरस्कार मानसी माटवणकर, अक्षय जैसवाल, अभय पाटिल, संग्राम वाघचौरे ने ग्रहण किया. इंडियन इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (ईमा), केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय एवं केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रदर्शनी आयोजित की गई.

विकर्ष नैनो टेक्नोलॉजी ने काउंटर करंट रिएक्टर एवं उसके द्वारा तैयार होनेवाले ग्रीन स्टील तकनीक को विकसित किया गया है. इसके कारण  लोहे के उत्पादन से उत्पन्न होने वाले कार्बन उत्सर्जन को पूरी तरह से रोका जा सकेगा. ‘काउंटर करंट रिएक्टर’ के संशोधन व निर्मिति शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय पुणे के संशोधन व विकास विभाग के प्रमुख डॉ. नरेंद्र डोके व विकर्ष नैनो टेक्नोलॉजी के व्यवस्थापकीय संचालक समीर शिंदे ने संयुक्त रूप से किया. इस संशोधन का पेटंट भी मिला है.

‘इलेक्रामा’ प्रदर्शनी में दुनिया भर के 1000 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया था. इसमें 12 स्टार्टअप के लिए विशेष व्यासपीठ दिए गए थे. उसमें से तीन उत्तम स्टार्टअप को पांच-पांच लाख का पुरस्कार दिया गया. इसके साथ ही विकर्ष ग्रुप के प्रयोग इलेक्ट्रिकल कंपनी द्वारा संशोधित ‘एक्वा वेल्डर’ पानी पर चलने वाली वेल्डिंग, ब्रेजिंग मशीन को दूसरा पुरस्कार मिला. ‘एक्वा वेल्डर’ के कारण बिजली की 90 प्रतिशत तक बचत होती है.

समीर शिंदे ने कहा, “पर्यावरण के संदर्भ में कार्यरत शास्त्रज्ञ सोनम वांगचुक के हाथों सम्मान होना खुशी की बात है. साल 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को पूरी तरह से रोकने का संयुक्त राष्ट्र का करार भारत ने मान्य किया हुआ है. इसके अनुसार शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय पुणे एवं ‘विकर्ष’ के संशोधन व विकास विभाग के माध्यम से हाइड्रोजन गैस की मदद से कार्बन मुक्त लोखंड बनाने की तकनीक विकर्ष नॅनो टेक्नोलॉजी शिरवल प्रकल्प में पिछले पांच साल से शुरू है.


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