रोजगार देने की प्रक्रिया तेज करने के आश्वाशन के बाद विस्थापितों की भूख हड़ताल खत्म, लेकिन जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना
कुसमुंडा (कोरबा) बरसों पुराने भूमि अधिग्रहणों के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर छोटे-बड़े सभी खातेदारों को रोजगार देने की मांग को लेकर विस्थापितों की चल रही भूख हड़ताल एसईसीएल प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता के बाद खत्म हो गई, लेकिन भूविस्थापितों ने घोषणा की है कि उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम लंबित रोजगार प्रकरणों को जल्द निपटाने की मांग को लेकर 2मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उनके साथ सैकड़ों भूविस्थापित ग्रामीण भी लगातार तीन दिनों से धरना में शामिल हो रहे थे। इससे प्रबंधन की परेशानियां बढ़ गई थी। कल दीपका तहसीलदार और कुसमुंडा थाना प्रभारी की उपस्थिति में एसईसीएल के कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने आंदोलनकारियों से बातचीत की, जिसमें सहमति बनी कि लंबित प्रकरणों के तेजी से निपटारे के लिए एक टीम गठित की जाएगी तथा 7 दिनों के अंदर संबंधित सभी फाइलें कुसमुंडा मुख्यालय से बिलासपुर भेज दी जाएगी, जहां से 15 दिनों के अंदर निराकरण कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, सत्यापन संबंधी औपचारिकताएं भी एक सप्ताह के अंदर पूरी की जाएगी। इसके साथ ही यह भी सहमति बनी कि भू-अर्जन के बाद जन्म वाले सभी फाइलों की सूची बनाकर कार्यवाही के लिए बिलासपुर मुख्यालय भेजा जाएगा।
बातचीत सफल होने के बाद आंदोलन स्थल पहुंच कर महाप्रबंधक पहुंचे और भूख हड़ताल में बैठे हड़तालियों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल को समाप्त कराया। इस आंदोलन की सफलता से भूविस्थापितों के बीच रोजगार प्रकरणों के तेजी से निपटारे की उम्मीद बंधी है। आंदोलन में जवाहर सिंह कंवर, रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, दीना नाथ, मोहनलाल यादव, हरिहर पटेल, धुनिराम कौशिक, बृजमोहन, अमृत बाई, सरिता, राजेश्वरी, वीरसिंह, विकास सिंह, नरेंद्र, बसंत चौहान, राकेश कंवर, शिवदयाल, रामायण सिंह कंवर, संजय यादव, सत्रुहन दास, अघन बाई, मीना बाई, कनकन बाई, सुकल बाई, जीरा बाई, गीता बाई के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भूविस्थापित शामिल रहे। किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने सभी आंदोलनकारियों को बधाई दी है और कहा है कि वार्ता में बनी सहमति को लागू करवाने के लिए उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। यदि प्रबंधन इस सहमति पर काम नहीं करेगा, तो 10 मार्च को कुसमुंडा खदान में महाबंद का आयोजन किया जाएगा।
किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा है कि कोयला से जुड़े हर अधिकारी और मंत्री के इस क्षेत्र में दौरे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। रोजगार एकता संघ के रेशम यादव और दामोदर श्याम ने एसईसीएल प्रबंधन और सरकार को चेतावनी दी है कि सभी भूविस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे, नहीं तो खदान बंदी का सामना करने के लिए तैयार रहे।