अवार्डपूणे

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के हाथों सूर्यदत्त स्त्री शक्ती राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के हाथों सूर्यदत्त स्त्री शक्ती राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित

महिलाओं में ‘मल्टीटास्किंग’ की क्षमता : राज्यपाल
विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाली महिलांए सूर्यदत्त स्त्रीशक्ती राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

पुणे : “भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान महान है। परिवार का ख्याल रखकर खुद को साबित करने वाली महिलाओं में ‘मल्टीटास्किंग’ की क्षमता होती है। इसलिए कहा जाता है कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता रहने आती है,” ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने किया. अद्भुत स्त्री शक्ति के हाथों से युवाओं को गढ़ने का काम हो रहा है, ऐसा भी उन्होंने इस वक्त कहा.

सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट्स और सूर्यदत्त वुमेन एम्पॉवरमेंट अँड लीडरशिप अकॅडमी पुणे के संयुक्त तत्वाधान से दिए जानेवाले ‘सूर्यदत्त स्त्रीशक्ती राष्ट्रीय पुरस्कार-२०२३’ राज्यपाल बैस के हाथो वितरित किए गए. मुंबई स्थित राजभवन में हुए इस समारोह में पद्मश्री परमपूज्य आचार्य श्री चंदनाजी महाराज, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाम जाजू, सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट्स के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्षा व सचिव सुषमा चोरडिया, सहयोगी उपाध्यक्षा स्नेहल नवलखा, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, संचालक प्रा. अक्षीत कुशल, प्रशांत पितालिया, रोशनी जैन, रोहित संचेती, नयना गोडांबे, गौरव शर्मा, हृषिकेश पांडे, मारुती मारेकरी, सरी नागलाई, सचिन मेने आदी उपस्थित थे.

पद्मश्री परमपूज्य आचार्य श्री चंदनाजी महाराज (अध्यात्म व मानव कल्याण), सिद्धेश्वर सिद्धसना महिला साधक (शिल्पा, नम्रता, नीता, मीनाक्षी) – आरोग्य व कौशल्य विकास, सायली आगवणे (परफॉर्मिंग आर्ट्स), आंचल भाटिया (महिला उद्योजकता), सीए कोमल चांडक (फिनटेक), डॉ. रुमा देवी (सामाजिक कार्य व उद्योजकता), सुमन धामणे-डिजिटल इन्फ्लुएन्सर (आपली आजी), विद्या विठ्ठल जाधव (समाजकार्य), डॉ. ललिता जोगड (साहित्य), डॉ. शैलजा काळे (वैद्यकीय सेवा), अलका कारवा (आरोग्य व तंदुरुस्ती), डॉ. नमिता कोहोक (शौर्य व साहस), ऍड. श्वेता कौशिक (कायदा व न्याय), पूर्वा कोठारी (ग्लोबल इंटरप्रेन्युअरशिप), नीता मोरे (आरोग्य व प्रशासन), डॉ. नागा ज्योती एन. (समाजपरिवर्तन), रेखा नहार (सौंदर्य व सामाजिक कार्य), प्राची पंड्या (शास्त्रीय नृत्य), राजश्री पारख (अध्यात्म व समाजकार्य), शलाका पारनेरकर (समाजसेवा), संगीता पाटील (शौर्य), तोनीषा पवार (मोटिवेशनल स्पीकर), मुक्ता पुणतांबेकर (समाजकार्य), ऍड. क्रांती राठी (कायदा व न्याय), पोलीस अधिकारी विनिता साहू (प्रशासकीय सेवा), तेजस्विनी सावंत (क्रीडा), अर्चना शर्मा (ग्लोबल एक्सलन्स लीडर), सौंदर्या शर्मा (मनोरंजन), ललिता तिवारी (शिक्षण व समाजकार्य), सायली नलवडे-कविटकर (पोलिटिकल कॅम्पेनर) इन्हे ‘सूर्यदत्त स्त्रीशक्ती राष्ट्रीय पुरस्कार-२०२३’ देकर सम्मानित किया गया.

रमेश बैस ने कहा, “आज सभी क्षेत्रों में महिलाए नेतृत्व कर रही और अपना कर्तृत्व दिखा रही है. सुखी परिवार, आदर्श राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रही है. जिस भारत की ओर पूरा विश्व देख रहा है, उसी भारत की वह एक मजबूत कड़ी है. समाज और देश को घड़ने में वह काम कर रही है. इसी महिला शक्ति को सामाजिक व आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का काम सरकार कर रही है. ‘सूर्यदत्त’ परिवार द्वारा सुषमा व प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया दम्पति ने समाज के इस महिला शक्ति का सम्मान कर एक आदर्श प्रस्थापित किया है. इससे छात्रों सहित अन्य महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी.”

आचार्य श्री चंदनाजी महाराज ने कहा, “जाति-धर्म से परे जाकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करते रहें। कोई भी धर्म हमें नफरत नहीं सिखाता। सेवा, शिक्षा और साधना का कार्य निःस्वार्थ भाव से करना चाहिए। समाज में मित्रता, प्रेम और सद्भावना का रिश्ता मजबूत होना चाहिए। समाज को साक्षर और संस्कारी बनाने का काम करना चाहिए।”

शाम जाजू ने बताया की, “इस समारोह से पता चलता है कि एक व्यक्ति के चारित्रिक लक्षण उसकी श्रेष्ठता निर्धारित करते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली माताओं और बहनों को सम्मानित करने की यह पहल सराहनीय है। संचार के लिए ‘ईमेल’ और ‘फीमेल’ बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के सम्मान के लिए कई योजनाएं लेकर आए हैं।”

प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, ‘हर साल विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली महिलाओं को सूर्यदत्त स्त्री शक्ति राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष राज्यपाल के हाथों स्त्री शक्ति का सम्मान करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उनका सम्मान करना और महिला सशक्तिकरण के लिए आगे काम करने के लिए प्रेरित करना उनका कर्तव्य है।”

आनंद सिंह ने सूत्रसंचालन किया, वही सुषमा चोरडिया आभार व्यक्त किया.

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