पूणे

लोकतंत्र की रक्षा के लिए बंधुता जरूरी : डॉ. श्रीपाल सबनीस

लोकतंत्र की रक्षा के लिए बंधुता जरूरी : डॉ. श्रीपाल सबनीस

पांचवें बंधुता काव्य महोत्सव में कृष्णकुमार गोयल, डॉ. विजय ताम्हाणे को ‘बंधुता भूषण पुरस्कार’ प्रदान

पुणे : “राजनीति का बाजारीकरण होने से भारतीय लोकतंत्र और संविधान पर रोज हमला हो रहा है l ऐसे में समाज को एक रखने वाले बंधुता विचार को लोगों के मन में बोने की जरूरत हैl बंधुता परिषद जैसी संस्थाएं, जो बंधुता की पालकी को अपने कंधों पर ले जाती हैं और विवेकी विचार को फैलाती है, वही लोकतंत्र की रक्षा करेंगी,” यह बात पूर्व सम्मेलन अध्यक्ष, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कही.

राष्ट्रीय बंधुता साहित्य परिषद, बंधुता प्रतिष्ठान, काषाय प्रकाशन, रयत शिक्षण संस्था के औंध स्थित बाबासाहेब आंबेडकर महाविद्यालय, भोसरी स्थित भगवान महावीर शिक्षा संस्थान के प्रीतम प्रकाश महाविद्यालय, भारतीय जैन संघ के वाघोली के कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय इन सभी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से बंधुताचार्य प्रकाश रोकड़े के जन्म दिवस पर एस. एम. जोशी सभागार में बंधुता दिवस एवं पांचवां बंधुता काव्य महोत्सव मनाया।

वरिष्ठ कवयित्री संगीता झिंजुरके की अध्यक्षता में हुए बंधुता काव्य महोत्सव के समापन पर डॉ. सबनीस के हाथों सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णकुमार गोयल, दंत चिकित्सक डॉ. विजय ताम्हाणे को ‘बंधुता भूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। एस. एम. जोशी फाउंडेशन के मैनेजर राहुल भोंसले को ‘निष्ठावंत कार्यकर्ता’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जयराम धोंगडे, सीमा खंडागळे, बाळासाहेब देवकर, सुनिता कपाळे, नंदकिशोर ठोंबरे, जयश्री रोहनकर, प्रकाश फर्डे, पौर्णिमा कुंभारकर, ज्ञानेश्वर काळे, कविता काळे को ‘बंधुता शब्दक्रांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रकाश रोकड़े, कवि प्रो. चंद्रकांत वानखेड़े, डॉ. अशोक कुमार पगारिया, प्राचार्य डॉ. अरुण आंधळे, प्राचार्य संजय गायकवाड़ आदि उपस्थित थे।

डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कहा, महापुरुषों, समाज के ज्ञान का योग महत्वपूर्ण है। हम जातिवाद के नाम पर समाज को टूटने की कई घटनाओं को देखते हैं। ऐसे में सभी को जोड़ने वाले बंधुता के सूत्र को बुना जाना चाहिए। जाति को समाप्त करने का विचार लोकतंत्र के लिए एक सितारा और मानवता की दृष्टि है। बंधुता की भावना से काम करने वाले प्रकाश रोकडे अनेकों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।”

प्रकाश रोकड़े ने कहा, “मैं दशकों से बंधुता के जुनून के साथ काम कर रहा हूं. मैं ऐसे कई लोगों से मिला हूं, जिन्होंने इस यात्रा में अच्छे काम के लिए सहयोग किया l यह विशेष खुशी की बात है कि हम वैचारिक बहसों और विभाजनकारी प्रतिस्पर्धा से दूर रहकर बंधुता का एक मजबूत वैचारिक मंच तैयार कर पाए हैं।”

कृष्णकुमार गोयल ने कहा, “सकारात्मक सोच जीने की प्रेरणा देते है। यदि आप कोई ध्येयवादी सामान्य विचार सामने रखकर वस्तुनिष्ठ निष्ठा से काम करते है तो सफलता की गारंटी है। हर क्षेत्र में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना के साथ योगदान करने में सक्षम होना यह मेरे लिये ख़ुशी की बात है l किए गए कार्य के बारे में यह पुरस्कार एक ऊर्जावान पहचान है।

बंधुता परिषद समाज में अच्छी सोच रखने वाले लोगों को ढूंढ़कर समाज के सामने लाने का काम कर रही है। अच्छे नागरिक बनने के लिए बंधुता के विचार को मन में बैठाना आवश्यक है, ऐसे डॉ. विजय ताम्हाणे ने कहा। संचालन शंकर आथरे ने किया और डॉ. संजय गायकवाड ने उनका आभार प्रदर्शन किया l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button