अंत्योदय विकास के लिए विधायक समर्पण भाव से काम करें
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अपील
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्वारा ‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत’का उद्घाटन
(NATIONAL LEGISLATORS’ CONFERENCE, BHARAT)
मुंबई : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुंबई आयोजित पहले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के उद्घाटन मौके पर सभी विधायकों से अपील की कि एक विकासशील भारत बनाने के लिए सभी विधायकों को समाज के अंतिम व्यक्ति अंत्योदय के जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए. अमृत महोत्सव के दौरान परिवर्तनकारी भारत के लिए विधायकों के योगदान के प्रति समर्पण की भावना बहुत जरूरी है.
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, पुणे द्वारा आयोजित पहले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन, भारत का उद्घाटन मुंबई के बीकेसी में जिओ सेंटर में ओम बिरला ने किया.
इस मौके पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्हे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, डॉ. मीरा कुमार तथा शिवराज पाटिल चाकुरकर विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के संस्थापक अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय विधायक संमेलन के मुख्य संयोजक समन्वयक राहुल विश्वनाथ कराड उपस्थित थे.
इस सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष तथा विधान परिषद के १४७० विधायक एवं ८० मंत्री उपस्थित थे.
ओम बिरला ने कहा, लोकतंत्र मंदिर के माध्यम से लोगों का कल्याण और परिवर्तन हो रहा है. इससे हमें सच्चाई और ईमानदारी की प्रेरणा मिलती है. इस मंदिर को और भी मजबूत बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए. भारत का संविधान मार्गदर्शक है. ऐसे में इसकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है.
हर दिन संसद का स्थगित होना, नारेबाजी करना एक अशोभनीय कार्य है और चिंता का विषय है. संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, उसका पालन करना चाहिए और उसे लागू करना चाहिए. लोग आपके काम पर कड़ी नजर रखते है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पारदर्शिता और समर्पण दिखाना चाहिए.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, लोकतंत्र और देश को सर्वोच्च स्थान पर ले जाने के लिए विधायकों का योगदान महत्वपूर्ण है और यहां इस पर ही विचार विमर्श हो रहा है. मौजूदा समय में जब हमारा एजेंडा मीडिया तय करता है तो हर विधायक को यह याद रखना चाहिए कि जनता ने हमें देश के विकास के लिए चुना है. इसलिए विकास का एजेंडा भूलना नहीं चाहिए . लोकतंत्र के कारण देश का अंतिम व्यक्ति सरकार तक पहुंच गया है. सभी विधानसभाओं में ज्यादा से ज्यादा काम हो और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो.
सुमित्रा महाजन ने कहा, आजकल नेता शब्द दूषित हो गया है. ऐसे में विधायकों को अपने काम से इस शब्द की बदनामी को मिटाना है. हर विधायक को चाहिए कि वह अपने क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण विषयों को चुने और उन पर काम करें. ससुराल और मायके को अच्छे से मैनेज करने वाली महिलाएं बेहतरीन राजनेता होती हैं. अब सभी को मिलकर अच्छी सरकार और मजबूत लोकतंत्र के लिए काम करना चाहिए.
मीरा कुमार ने कहा, विधायकों को सामाजिक परिवर्तन के लिए अपने प्राणों की आहुति देनी चाहिए. उन्हें देश के अंतिम व्यक्ति की प्रगति पर नजर रखनी चाहिए. विधानसभा, विधान परिषद के अध्यक्ष और लोकसभा के अध्यक्ष को इस सम्मेलन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. साथ ही हर १८ महीने में सम्मेलन आयोजित करना चाहिए.
शिवराज पाटिल चाकुरकर ने कहा, आने वाले समय में दुनिया में बड़ा बदलाव होगा. ऐसे में पुराने विचारों के भंडार को सहेज कर रखना चाहिए. आज वोटों के लिए पैसों का बंटवारा खराब है इसे रोकने की जरूरत है. ऐसे समय में संसद में बैठकर कुछ चीजें बदलनी होंगी.
राहुल कराड ने कहा, लोकतंत्र को मजबूत करने और कुशल प्रशासन के लिए यह सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण है. यहां देश की ५० करोड़ जनता का नेतृत्व करनेवाले प्रतिनिधि एकत्रित हुए हैं. उम्मीद है कि विभिन्न दलों के विधायक एमओयू के माध्यम से विकास कार्य करेंगे. यह यात्रा बुरे से अच्छे की ओर है. इस लिए यह सम्मेलन हर साल आयोजित करने का इरादा है.
डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, २१वीं सदी में भारत विश्व गुरु बनेगा. पूरे विश्व को सुख शांति का मार्ग दिखाने की जिम्मेदारी भारत की होगी. पहला कर्तव्य देश और परिवार के प्रति होना चाहिए. देश में ७५ साल में इस तरह का सम्मेलन होना अनूठा है.
राहुल नार्वेकर ने भी अपने विचार रखे.
प्रो. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन किया.