Uncategorized

लोकतंत्र का दीया जलाते रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विचार..

लोकतंत्र का दीया जलाते रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विचार..

एसओजी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत का समापन समारोह

मुंबई:  लोकतंत्र के दीये को जलाए रखने के लिए सभी विधायक सकारात्मक रुप से कार्य करें. देश और जनता के कल्याण का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. राज्य के विकास के लिए नई नीतियां कैसे बनाएं. इसी से हम देश को शक्तिशाली बनाना चाहते है. यह विचार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत के समापन समारोह के अवसर पर व्यक्त किए.

एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, पुणे द्वारा आयोजित पहले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत के समापन समारोह में वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्‍हे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डॉ. मीरा कुमार और शिवराज पाटिल चाकुरकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड तथा एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के संस्थापक अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय विधायक परिषद के मुख्य संयोजक समन्वयक राहुल विश्वनाथ कराड उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज ने सबसे पहले लोकतंत्र की कल्पना की और उसे लागू किया. इसके लिए लोकतंत्र की रक्षा करना सबकी जिम्मेदारी है. लोकतंत्र के तीन स्तंभों शासन, प्रशासन और न्याय व्यवस्था की रक्षा की जानी चाहिए. उसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए और देश के विकास और कल्याण के लिए काम करना चाहिए. आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जी २० का नेतृत्व भारत को मिला है. इससे देश आर्थिक रूप से सक्षम हो रहा है.

रमेश बैस ने कहा, इस मंच ने विधायकों को देश के अहम मुद्दों को समझने का अवसर प्रदान किया है. संसदीय समिति लोकतंत्र का प्रभावी माध्यम है. विधायकों को पूरा समय विधानसभा में जाकर सभी समस्याओं को समझने में लगाना चाहिए. समाज को आगे बढ़ाने का काम विधायक करें. नई संसद को तकनीकी प्रणाली को स्वीकार करना चाहिए. सभी बेहतरीन अध्ययन और विकास का एक नया मॉडल इस सम्मेलन की मुख्य विशेषता है.

प्रमोद सावंत ने कहा, नए भारत में बदलाव लाने के लिए यह सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण है. प्रत्येक राज्य को संसदीय कार्यप्रणाली में सुधार और देश के विकास के लिए इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करने चाहिए. सभी समस्याओं को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए और उसी से विधायक राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे. हर राज्य को विकसित होने की जरूरत है और उस तरह की विचारधारा विकसित होनी चाहिए.

हरिवंश सिंह ने कहा, बदलती दुनिया में नए कानून की जरूरत है. ऐसे समय में विधायकों को पहल कर काम करना चाहिए. आने वाले समय की तमाम चुनौतियों से पार होना और गतिशील बनना जरूरी है. आर्थिक रूप से सशक्त और सामाजिक बनने की जरूरत है. साथ ही पुराने कानूनों में बदलाव कर नए कानून बनाने चाहिए. सुंदर समाज बनाने के लिए विधायकों को विशेष प्रशिक्षण देना जरूरी है.

इस सम्मेलन में विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष, १७८० विधायक और ८० मंत्री उपस्थित थे.

राहुल कराड ने राष्ट्रीय विधायक परिषद के तीन दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी दी.

राहुल नार्वेकर ने विचार व्यक्त किए. मल्लिकार्जुन खर्गे ने एक वीडियो संदेश दिया.डॉ. निलम गोर्‍हे ने स्वागत किया.

डॉ. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन और आभार व्यक्त किया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button