आरोग्यसीतामढ़ी

जिलाधिकारी के निर्देश आलोक में डेंगू के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम एवं अन्य नगर निकायो द्वारा लगातार प्रयास जारी

जिलाधिकारी के निर्देश आलोक में डेंगू के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम एवं अन्य नगर निकायो द्वारा लगातार प्रयास जारी

विशाल समाचार नेटवर्क टीम सीतामढ़ी

सीतामढ़ी बिहार: जिलाधिकारी के निर्देश आलोक में डेंगू के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम एवं अन्य नगर निकायो द्वारा लगातार प्रयास जारी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि डेंगू की जांच एवं इलाज हेतु सभी आवश्यक व्यवस्था सदर अस्पताल ,पीएचसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करना सुनिश्चित करेंगे तथा नगर आयुक्त नगर निगम सीतामढ़ी ,सभी कार्यपालक अधिकारी नगर परिषद नगर पंचायत अपने क्षेत्र अंतर्गत नियमित रूप से फॉगिंग एवं जल जमाव वाले स्थान पर स्प्रे मशीन से लार्वा साइट का छिड़काव करना सुनिश्चित करेंगे।

डेंगू के प्रकोप से बचाव हेतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग एवं रसायनों का छिड़काव किया जा रहा है ।

जिलेभर में डेंगू के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए रोग के संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रणनीति के क्रियान्वयन हेतु जिला, अनुमंडल , प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों एवं सहयोगी संस्थानों द्वारा विशेष नजर रखी जा रही है ।

नगर निगम ,नगर परिषद, नगर पंचायत, , सभी पीएचसी स्तर पर व्यापक पैमाने पर फॉगिंग एवं दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

प्रचार प्रसार के माध्यम से डेंगू से बचाव हेतु जागरूकता अभियान चलाकर आमजन को प्रेरित किया जा रहा है ।

डेंगू की बीमारी संक्रमित मादा एडिस मच्छर के काटने से होती है । यह मच्छर दिन में काटता है एवं स्थिर साफ पानी में पनपता है ।

बीमारियों के लक्षण,तेज बुखार, बदन ,सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, चकत्ते का निशान ,नाक मसूढों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना ,काला पैखाना होना आदि।

डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव हेतु निम्न उपाय करें:-
दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, घर एवं सभी कमरों को साफ सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें,टूटे-फूटे बर्तनों ,कूलर ,एसी ,फ्रिज के पानी निकासी ट्रे ,पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल में अन्य जगहों पर पानी ना जमने दें ।
आसपास के जगह को साफ सुथरा रखें तथा जमा पानी एवं गंदगी पर किटनाशक दवा का छिड़काव करें ,गमला फूलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदले, जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें ।
याद रखें हर बुखार डेंगू नहीं है ।बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किये चिकित्सक से संपर्क करें। डेंगू बुखार की स्थिति में सभी रोगियों को ‘अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
समय पर उपचार करने से मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है* ।
तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रूफेन की गोलियां कदापि इस्तेमाल नहीं करें ।
इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है ।

एंबुलेंस हेतु टॉल फ्री नंबर 102 डायल करें।

डेंगू के मरीजों जॉच एवं उपचार की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पताल निःशुल्क सुविधा दी जा रही है।।

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